जयपुर। विधानसभा सत्र में भाजपा विधायकों की परफॉर्मेस ही मंत्रिमंडल में उनकी जगह पक्की करेगी। सत्र के दौरान विधायकों की ऎसी ही परफॉर्मेस रिपोर्ट के आधार पर ही मुख्यमंत्री अपने नए मंत्रियों को चुनेंगी। सूत्रों का कहना है कि इस रिपोर्ट में कई बिंदु रखे गए हैं ।
सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री राजे ने विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा विधायक दल की तीन बैठकें ली थीं। इनमें मुख्यमंत्री ने बार-बार एक ही बात दोहराई थी कि विधायकों को ज्यादा से ज्याद समय सदन में रूकना है और विपक्ष के हमलों का जबाव देने में सत्ता पक्ष के साथ खड़े रहना है। इस नसीहत के बाद से ही मुख्यमंत्री ने विधायकों की परफॉर्मेस के आधार पर राजे ने अपने स्तर पर एक रिपोर्ट कार्ड बनाया है।
नए बने समीकरण
गौरतलब है कि विधानसभा सत्र से पहले कई विधायकों की क्षेत्रीय आधार पर मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल होने की दावेदारी थी। इनमें से कइयों को मुख्यमंत्री ने भी अपनी तरजीह के हिसाब से शॉर्टलिस्ट किया था। अब विधानसभा में विधायकों के प्रदर्शन के बाद क्षेत्रीय आधार पर संतुलन बनाते समय कुछ नाम जो पहले आगे चल रहे थे वे दौड़ से बाहर दिख रहे हैं।
सबसे आगे इनकी दावेदारी
मंत्री पद की दावेदारी में राव राजेन्द्र सिंह, वासुदेव देवनानी, चंद्रकांता मेघवाल, अनीता भदेल, मदन राठौड़, बाबू सिंह राठौड़, ज्ञानदेव आहूजा, फूलचंद भिंडा, निर्मल कुमावत, डॉ. जसवंत सिंह, प्रहलाद गुंजल और राजपाल सिंह का नाम सबसे आगे हैं। इनमें से कई विधायकों ने विपक्ष में रहने के दौरान भी अच्छा काम किया था और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को घेरा था।
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