श्रीगंगानगर। जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर चूनावढ़ थाना क्षेत्र के गांव 11 जी छोटी की रोही में बने गुरूद्वारा में मंगलवार रात करीब तीन बजे आग लगा दी गई।
हादसे में गुरूद्वारा का पूरा भवन और गुरू ग्रंथ साहिब की पालकी, रूमाले जल गए। सूचना पर गांव के लोग तथा पुलिस मौके पर पहुंची। संदेह के आधार पर दो लोगों को राउंडअप कर पूछताछ की जा रही है।
अमृतसर और नंदगढ़ साहिब से अकाल तख्त जत्थे बंदियों के शाम तक पहुंचने की संभावना है। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता घटनास्थल पर तैनात किया गया है। थाना प्रभारी विक्रमसिंह चारण ने बताया कि जिस जगह अब गुरूद्वारा सत करतार साहिब की स्थापना हो चुकी उसी जगह पहले गांव के अमृतपाल सिंह के परिवार के किसी मृत व्यक्ति की मजार थी। वहां पर उनका परिवार पूजा पाठ करते थे।
बाद में गांव के लोगों ने वहां गुरूद्वारा बना लिया। मंगलवार रात गुरूद्वारा में गांव के गुरसाहबसिंह की सेवा में डयूटी थी। गुरसाहब सिंह ने पुलिस को बताया कि रात करीब 3 बजे उसे कपड़े जलने की बदबू व धूंआ महसूस हुआ। उसने उठके देखा तो गुरूद्वारा साहिब में से आग की लपटें निकल रही थी।
उसने गुरू ग्रंथ साहिब को बचाने का प्रयास किया लेकिन उसे अंदर कुछ नहीं मिला। उसने घटना की जानकारी गांव में ग्रंथी सुबासिंह और सेवादार अर्जुनसिंह समेत गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी सदस्यों को बताया।
सुबह करीब पांच बजे गांव के लोग मौके पर पहुंचे। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची। घटना स्थल का निरीक्षण और वीडियोग्राफी करवाई गई है। थाना प्रभारी ने बताया कि मौके पर गुरू ग्रंथ साहिब के जलने के कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। मौके पर पुलिस बल सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है। घटना स्थल पर आस पास गांव के बड़ी संख्या में सेवादार मौजूद हैं।
दो संदिग्ध राउंडअप
इस बीच घटना के समय मौजूद सेवादार गुरसाहबसिंह ने पुलिस को बताया कि उसने गांव के अमृतपालसिंह और बलवीरचंद को गुरूद्वारा से आग लगाकर भागते हुए देखा था। -मौके पर से डीजल का एक पांच लीटर का कैन भी बरामद हुआ है। घटना के बाद पहुंचे पुलिस उप अधीक्षक वृत करणपुर राजेंद्रसिंह शेखावत ने दोनों संदिग्ध आरोपियों को राउंडअप कर थाने में पूछताछ की है। फिलहाल मामले में जांच जारी है। तनाव को देखते हुए घटनास्थल पर पुलिस का अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया गया है। -
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें