अहमदाबाद।सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों के लिए कच्छ के रण की मुश्किल परिस्थितियों में सुरक्षा के लिए नए प्रकार के वाहन तैयार किए जा रहे हैं। अब तक विदेश से आयातित 3 करोड़ के ऑल टैरेन व्हीकल (एटीवी) को देशी तकनीक से सिर्फ 15 से 20 लाख रूपए तक बनाया जा रहा है। इस खर्च को दस लाख रूपए से कम भी किया जा सकता है।
बीएसएफ के गुजरात सीमान्त के महानिरीक्षक (आईजी) संतोष मेहरा ने मंगलवार को गांधीनगर स्थित गुजरात सीमान्त मुख्यालय परिसर में पौधारोपण कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि अब तक पूरी तरह विपरीत वातावरण वाले कच्छ के रण के लिए किसी भी तरह के वाहन का डिजाइन नहीं किया जा सका है, लेकिन भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की मदद से विशेष प्रकार के वाहन तैयार किए जा रहे हैं, जो स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल हों।
इसके लिए कई एटीवी का ट्रायल रन किया जा चुका है तथा इसमें परिस्थतियों के हिसाब से कई बदलाव किए गए हैं। यह जल्द ही उपयोग में लाया जा सकेगा। सिर्फ कुछ हिस्से कनाडा से मंगाने पड़ेंगे।
15 बीओपी अभी तैयार होनी बाकी
उन्होंने कहा कि गुजरात सीमान्त में पाकिस्तान से लगती सीमा पर स्वीकृत बॉर्डर आउट पोस्ट (बीओपी) 215 हैं, इनमें से 200 तैयार हो चुके हैं। गुजरात सीमान्त तीन सेक्टर भुज, गांधीनगर व बाड़मेर में करीब 800 किलोमीटर सीमा की सुरक्षा कर रहा है। इन बीओपी में तैनात जवानों की जल आपूर्ति के लिए काम किया जा रहा है।
इसमें करीब डेढ़ वर्ष तक समय लगेगा। मोबााइल एटीएम बैंकिंग की सुविधा पर भी विचार किया जा रहा है। जवानों को अपने परिजनों से बात करने के लिए सैटेलाइट फोन की व्यवस्था की जा रही है। इन जवानों को किसी भी तरह की समस्या के लिए एसएमएस की सेवा भी आरंभ की गई है। मेहरा के अनुसार बीएसएफ के लिए कच्छ के रण क्षेत्र में होवरक्राफ्ट ज्यादा उपयोगी साबित नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ सुरक्षा को लेकर काफी सजग है।
सरक्रीक जैसे अहम इलाके में उच्च स्तरीय निगरानी रखनी होती है। पौधारोपण को लेकर अधिकारियों व जवानों ने इस अवसर पर साढ़े तीन किलोमीटर मैराथन तथा साइकिल रैली का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में डीआईजी एम पी एस भाटी, डीआईजी असीम व्यास, डीआईजी अखिलेश्वर सिंह सहित कमाण्डेंट, असिस्टेंट कमांडेंट, डिप्टी कमांडेंट व जवान उपस्थित थे। -
बीएसएफ के गुजरात सीमान्त के महानिरीक्षक (आईजी) संतोष मेहरा ने मंगलवार को गांधीनगर स्थित गुजरात सीमान्त मुख्यालय परिसर में पौधारोपण कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि अब तक पूरी तरह विपरीत वातावरण वाले कच्छ के रण के लिए किसी भी तरह के वाहन का डिजाइन नहीं किया जा सका है, लेकिन भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की मदद से विशेष प्रकार के वाहन तैयार किए जा रहे हैं, जो स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल हों।
इसके लिए कई एटीवी का ट्रायल रन किया जा चुका है तथा इसमें परिस्थतियों के हिसाब से कई बदलाव किए गए हैं। यह जल्द ही उपयोग में लाया जा सकेगा। सिर्फ कुछ हिस्से कनाडा से मंगाने पड़ेंगे।
15 बीओपी अभी तैयार होनी बाकी
उन्होंने कहा कि गुजरात सीमान्त में पाकिस्तान से लगती सीमा पर स्वीकृत बॉर्डर आउट पोस्ट (बीओपी) 215 हैं, इनमें से 200 तैयार हो चुके हैं। गुजरात सीमान्त तीन सेक्टर भुज, गांधीनगर व बाड़मेर में करीब 800 किलोमीटर सीमा की सुरक्षा कर रहा है। इन बीओपी में तैनात जवानों की जल आपूर्ति के लिए काम किया जा रहा है।
इसमें करीब डेढ़ वर्ष तक समय लगेगा। मोबााइल एटीएम बैंकिंग की सुविधा पर भी विचार किया जा रहा है। जवानों को अपने परिजनों से बात करने के लिए सैटेलाइट फोन की व्यवस्था की जा रही है। इन जवानों को किसी भी तरह की समस्या के लिए एसएमएस की सेवा भी आरंभ की गई है। मेहरा के अनुसार बीएसएफ के लिए कच्छ के रण क्षेत्र में होवरक्राफ्ट ज्यादा उपयोगी साबित नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ सुरक्षा को लेकर काफी सजग है।
सरक्रीक जैसे अहम इलाके में उच्च स्तरीय निगरानी रखनी होती है। पौधारोपण को लेकर अधिकारियों व जवानों ने इस अवसर पर साढ़े तीन किलोमीटर मैराथन तथा साइकिल रैली का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में डीआईजी एम पी एस भाटी, डीआईजी असीम व्यास, डीआईजी अखिलेश्वर सिंह सहित कमाण्डेंट, असिस्टेंट कमांडेंट, डिप्टी कमांडेंट व जवान उपस्थित थे। -
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