इस्लामाबाद। पाकिस्तान के रावलपिंडी में 79 साल पुराने मंदिर को तोड़ने के आदेश दिए गए हैं। वहां के हिंदुओं ने फैसले का विरोध किया है।
सेना की प्रशासनिक शाखा "फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गेनाइजेशन" ने 1935 में बने महर्षि वाल्मीकि स्वामीजी मंदिर के साथ 53 घरों को भी तोड़ने के आदेश दिए हैं। सेना ने यहां काम भी शुरू करवा दिया है। संगठन इसकी जगह अपने बैरक बनाना चाहता है।
रिपोट्र्स के मुताबिक इसे तोड़ने का नोटिस 18 जुलाई को दिया गया था, लेकिन आदेश 12 अगस्त को जारी किए गए। संगठन के अधिकारियों ने इस संबंध में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया है।
यहां से कुछ ही दूरी पर सेना के अफसरों के बंगलों का निर्माण कार्य भी जारी है। मंदिर में 1992 में भी तोड़फोड़ की गई थी, जिसके बाद पाकिस्तान सरकार ने इसका पुनर्निर्माण कराया था। तब से ही मंदिर के पास 50 हिंदू परिवार रह रहे हैं।
सेना की प्रशासनिक शाखा "फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गेनाइजेशन" ने 1935 में बने महर्षि वाल्मीकि स्वामीजी मंदिर के साथ 53 घरों को भी तोड़ने के आदेश दिए हैं। सेना ने यहां काम भी शुरू करवा दिया है। संगठन इसकी जगह अपने बैरक बनाना चाहता है।
रिपोट्र्स के मुताबिक इसे तोड़ने का नोटिस 18 जुलाई को दिया गया था, लेकिन आदेश 12 अगस्त को जारी किए गए। संगठन के अधिकारियों ने इस संबंध में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार किया है।
यहां से कुछ ही दूरी पर सेना के अफसरों के बंगलों का निर्माण कार्य भी जारी है। मंदिर में 1992 में भी तोड़फोड़ की गई थी, जिसके बाद पाकिस्तान सरकार ने इसका पुनर्निर्माण कराया था। तब से ही मंदिर के पास 50 हिंदू परिवार रह रहे हैं।
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