जयपुर। राजस्थान में भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में 70 हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा की है परंतु शासन में आने के बाद स्कूलों के एकीकरण के नाम पर लगभग 28 हजार स्कूलों को बंद करने का मानस राज्य सरकार बना चुकी है।
यह कहना है राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता डॉ. अर्चना शर्मा का। शर्मा ने राज्य सरकार द्वारा शिक्षण संस्थाओं के एकीकरण एवं समानीकरण किए जाने की नीति को शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन बताया है।
उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाओं के एकीकरण एवं समानीकरण किए जाने की प्रक्रिया के तहत लगभग 50 हजार शिक्षक अधिशेष हो जाएंगे जिससे प्रतीत होता है कि राज्य सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन की घोषित भर्तियों को समाप्त करना चाहती है और इसी प्रकार कांग्रेस शासन में खोले गए स्कूलों पर भी ताला लगाने पर आमदा है।
उन्होंने कहा कि 300 से ज्यादा स्कूलों को भवनहीन बताकर बंद किया जा चुका है जबकि विधायक कोष से 600 से भी ज्यादा आदर्श विद्या मंदिरों के लिए वित्तीय प्रावधान किए जाने का विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया है जो एक विशेष विचारधारा द्वारा संचालित निजी संस्थाओं में सरकारी पैसे के खुले दुरूपयोग का द्योतक है।
उन्हाेंने कहा कि समानीकरण एवं एकीकरण भाजपा सरकार का छद्म एजेण्डा है जिसके द्वारा शिक्षा विभाग में नई भर्तियां नहीं करने का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम की मूल भावना पर भी इस नीति के कारण प्रहार होगा क्योंकि दूरस्थ इलाकों में स्थित स्कूलों के एकीकरण से छोटे बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। डॉ. शर्मा ने कहा कि सरकार की यह नीति प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के लिए प्रतिगामी कदम साबित होगा। -
यह कहना है राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता डॉ. अर्चना शर्मा का। शर्मा ने राज्य सरकार द्वारा शिक्षण संस्थाओं के एकीकरण एवं समानीकरण किए जाने की नीति को शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन बताया है।
उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाओं के एकीकरण एवं समानीकरण किए जाने की प्रक्रिया के तहत लगभग 50 हजार शिक्षक अधिशेष हो जाएंगे जिससे प्रतीत होता है कि राज्य सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन की घोषित भर्तियों को समाप्त करना चाहती है और इसी प्रकार कांग्रेस शासन में खोले गए स्कूलों पर भी ताला लगाने पर आमदा है।
उन्होंने कहा कि 300 से ज्यादा स्कूलों को भवनहीन बताकर बंद किया जा चुका है जबकि विधायक कोष से 600 से भी ज्यादा आदर्श विद्या मंदिरों के लिए वित्तीय प्रावधान किए जाने का विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया गया है जो एक विशेष विचारधारा द्वारा संचालित निजी संस्थाओं में सरकारी पैसे के खुले दुरूपयोग का द्योतक है।
उन्हाेंने कहा कि समानीकरण एवं एकीकरण भाजपा सरकार का छद्म एजेण्डा है जिसके द्वारा शिक्षा विभाग में नई भर्तियां नहीं करने का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम की मूल भावना पर भी इस नीति के कारण प्रहार होगा क्योंकि दूरस्थ इलाकों में स्थित स्कूलों के एकीकरण से छोटे बच्चे शिक्षा से वंचित हो जाएंगे। डॉ. शर्मा ने कहा कि सरकार की यह नीति प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के लिए प्रतिगामी कदम साबित होगा। -
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