अच्छे दिनों की उम्मीद में गुजर गए 100 दिन, मोदी के वादों और इरादों पर डालें एक नजर
नई दिल्ली। अच्छे दिनों की उम्मीद में बाजार, निवेशकों और जनता ने भाजपा को करोड़ो वोट देकर सरकार बनाने का मौका दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों ने 26 मई को शपथ ली, लिहाजा मोदी सरकार को काम करते हुए 100 दिन पूरे होने वाले हैं। ऐसे में अगले हफ्ते जनता के सामने अपने 100 दिन का रिपोर्ट कार्ड रखने के लिए मोदी और उनके मंत्री जुटे हुए हैं। मोदी ने महंगाई, रोजगार, 24 घंटे बिजली और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई वादे किए थे। विशेषज्ञों एवं अर्थशास्त्रियों की राय में मोदी ने आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए अभी पुख्ता जमीन भी तैयार नहीं कर पाए हैं। आइये हम उन वादों और मोदी सरकार के 100 दिन में लिए गए फैसलों पर एक नजर डालते हैं।
मोदी सरकार के बड़े वादे
महंगाई: मोदी सरकार ने चुनाव घोषणा पत्र में महंगाई से निपटने और खाने-पीने की चीजों को सस्ता करने का वादा किया था। कीमतों को नियंत्रित करने कीमत स्थिरता कोष बनाना, एकल राष्ट्रीय कृषि बाजार बनाना, कालाबाजारी और जमाखोरी को रोकने के लिए विशेष अदालत बनाना आदि।
फैसले: सरकार ने बजट में कीमत स्थिरता कोष बनाने के लिए घोषणा की। एफसीआई के कामकाज को बदलने के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाई। प्याज और आलू के एक्सपोर्ट को रोकने के लिए एमईपी बढ़ाई।
असर : रिटेल महंगाई दर 8.59 फीसदी रही थी, जो मई में घटकर 8.28 फीसदी और जून में 7.31 फीसदी पर आ गई। लेकिन अप्रैल में थोक महंगाई दर 5.2 फीसदी रही और मई में बढ़कर 6.01 फीसदी हो गई है, लेकिन जून में ये 5.43 फीसदी रही। बाजार में सब्जियों और फलों की कीमतों में उछाल जारी है।
रोजगार : भाजपा ने जनता से रोजगार और उद्यमिता के अवसरों को उच्च प्राथमिकता देने का वादा किया था। प्रत्येक माह 10 लाख लोगों को रोजगार देने की बात कही थी।
फैसला : मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से भाषण देते हुए मैन्युफैक्चरिंग और मैन्युफैक्चरिंग के जरिए युवाओं को रोजगार का अवसर प्रदान करने के लिए मैक इन इंडिया का ऐलान लिया।
असर : मैक इन इंडिया की घोषणा को किए 12 दिन ही हुए हैं। हालांकि, सेवा क्षेत्र के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।
खाद्य सुरक्षा : मोदी सरकार ने घोषणा पत्र में कहा था कि वह फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के ढांचे को बदलेगी। इसके अलावा, पीडीएस मॉडल की समीक्षा, दाल, तेल और खाद्यान्न के उत्पादन को बढ़ावा देना और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बदलाव किया जाएगा।
फैसला : कुछ दिन पहले ही एफसीआई के ढांचे को बदलने के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है। शेष काम बाकी है।
100 स्मार्ट सिटी : मोदी सरकार देश भर में 100 स्मार्ट सिटीज बनाना चाहती है।
फैसले : सरकार ने 100 स्मार्ट सिटीज की स्थापना के लिए बजट में 7060 करोड़ रुपए के फंड का एलान किया है।
असर : 100 स्मार्ट शहरों के लिए 7060 करोड़ रुपए यानी 1 स्मार्ट शहर के नसीब में मात्र 70 करोड़ रुपए आएंगे। फिलहार, शहरों की पहचान का काम चल रहा है। कैसे और कब बनेंगे ये स्मार्ट शहर इस पर कोई स्पष्ट रणनीति सामने नहीं आई है।
सरकार ने उठाए कई कदम
मोदी सरकार ने पर्यावरण मंजूरी के लिए ऑनलाइन सेवा शुरू की है।
भूमि अधिग्रहण बिल में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं।
हर परिवार को बैंकिंग सेवा से जोड़ने और एक लाख रुपए की बीमा मुहैया कराने के लिए जनधन योजना।
लेबर कानून में बड़े सुधारों के लिए कैबिनेट से प्रस्ताव।
महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में बिजली परियोजनाओं की बुनियाद रखना।
सागरमाला प्रोजेक्ट के तहत मुंबई के JNPT बंदरगाह पर मल्टी प्रोजेक्ट SEZ की बुनियाद रखना।
जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र समेत दस राज्यों में 14 हाइवे प्रोजेक्ट शुरू करना।
मुंबई मेट्रो और वैष्णो देवी रेल परियोजना की शुरुआत।
काले धन के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने की तारीफ। सुप्रीम कोर्ट ने SIT की अंतरिम रिपोर्ट में माना है कि विदेशों में काले धन की जांच के काम में प्रगति हुई है।
बीमा और रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने का फैसला।
मोदी सरकार के बड़े वादे
महंगाई: मोदी सरकार ने चुनाव घोषणा पत्र में महंगाई से निपटने और खाने-पीने की चीजों को सस्ता करने का वादा किया था। कीमतों को नियंत्रित करने कीमत स्थिरता कोष बनाना, एकल राष्ट्रीय कृषि बाजार बनाना, कालाबाजारी और जमाखोरी को रोकने के लिए विशेष अदालत बनाना आदि।
फैसले: सरकार ने बजट में कीमत स्थिरता कोष बनाने के लिए घोषणा की। एफसीआई के कामकाज को बदलने के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाई। प्याज और आलू के एक्सपोर्ट को रोकने के लिए एमईपी बढ़ाई।
असर : रिटेल महंगाई दर 8.59 फीसदी रही थी, जो मई में घटकर 8.28 फीसदी और जून में 7.31 फीसदी पर आ गई। लेकिन अप्रैल में थोक महंगाई दर 5.2 फीसदी रही और मई में बढ़कर 6.01 फीसदी हो गई है, लेकिन जून में ये 5.43 फीसदी रही। बाजार में सब्जियों और फलों की कीमतों में उछाल जारी है।
रोजगार : भाजपा ने जनता से रोजगार और उद्यमिता के अवसरों को उच्च प्राथमिकता देने का वादा किया था। प्रत्येक माह 10 लाख लोगों को रोजगार देने की बात कही थी।
फैसला : मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से भाषण देते हुए मैन्युफैक्चरिंग और मैन्युफैक्चरिंग के जरिए युवाओं को रोजगार का अवसर प्रदान करने के लिए मैक इन इंडिया का ऐलान लिया।
असर : मैक इन इंडिया की घोषणा को किए 12 दिन ही हुए हैं। हालांकि, सेवा क्षेत्र के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।
खाद्य सुरक्षा : मोदी सरकार ने घोषणा पत्र में कहा था कि वह फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के ढांचे को बदलेगी। इसके अलावा, पीडीएस मॉडल की समीक्षा, दाल, तेल और खाद्यान्न के उत्पादन को बढ़ावा देना और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में बदलाव किया जाएगा।
फैसला : कुछ दिन पहले ही एफसीआई के ढांचे को बदलने के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है। शेष काम बाकी है।
100 स्मार्ट सिटी : मोदी सरकार देश भर में 100 स्मार्ट सिटीज बनाना चाहती है।
फैसले : सरकार ने 100 स्मार्ट सिटीज की स्थापना के लिए बजट में 7060 करोड़ रुपए के फंड का एलान किया है।
असर : 100 स्मार्ट शहरों के लिए 7060 करोड़ रुपए यानी 1 स्मार्ट शहर के नसीब में मात्र 70 करोड़ रुपए आएंगे। फिलहार, शहरों की पहचान का काम चल रहा है। कैसे और कब बनेंगे ये स्मार्ट शहर इस पर कोई स्पष्ट रणनीति सामने नहीं आई है।
सरकार ने उठाए कई कदम
मोदी सरकार ने पर्यावरण मंजूरी के लिए ऑनलाइन सेवा शुरू की है।
भूमि अधिग्रहण बिल में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं।
हर परिवार को बैंकिंग सेवा से जोड़ने और एक लाख रुपए की बीमा मुहैया कराने के लिए जनधन योजना।
लेबर कानून में बड़े सुधारों के लिए कैबिनेट से प्रस्ताव।
महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा में बिजली परियोजनाओं की बुनियाद रखना।
सागरमाला प्रोजेक्ट के तहत मुंबई के JNPT बंदरगाह पर मल्टी प्रोजेक्ट SEZ की बुनियाद रखना।
जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र समेत दस राज्यों में 14 हाइवे प्रोजेक्ट शुरू करना।
मुंबई मेट्रो और वैष्णो देवी रेल परियोजना की शुरुआत।
काले धन के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने की तारीफ। सुप्रीम कोर्ट ने SIT की अंतरिम रिपोर्ट में माना है कि विदेशों में काले धन की जांच के काम में प्रगति हुई है।
बीमा और रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा बढ़ाने का फैसला।
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