जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि इंसान रोजे के संदेश जिन्दगी में उतार लें तो दुनिया जन्नत बन सकती है। राजे शनिवार शाम यहां सिविल लाइन्स पर आयोजित रोजाइफ्तार में प्रदेशभर से आए रोजेदारों को सम्बोधित कर रही थी।
उन्होंने जुबां एक है, खून एक है.एक है आंखों की पुतलियां हमारी,, फिर क्यूं हम आपस में जुदा जुदा, परवरदिगार रखे सबको खुश, यही इल्तजा हमारी..का शेर पढ़ते हुए प्रदेश में अमन चैन और खुशहाली की कामना के साथ परवरदिगार से रोजेदारों की इबादत कबूल करने की दुआ की।
उन्होंने कहा कि रोजे हमें मालिक के करीब लाकर इंसानियत और भाईचारे का पैगाम देते हैं। ये जात पात और मजहब का फर्क मिटाकर जीवन में नेकी की राह पर चलने और बुराइयों से बचने की राह दिखाते हैं।
राजे ने कहा कि इस्लाम के पांच बुनियादी सिद्घान्तों में से एक रोजा केवल भूखे रहने का नाम ही नहीं है, बल्कि रोजे इन्सान को ख्वाहिशों पर काबू रखते हुए आत्म नियंत्रण एवं त्याग की सीख देते हैं। उन्होंने सभी को रमजान माह एवं ईद की अग्रिम मुबारक देते हुए प्रदेश की 36 की 36 कौमों में एकजुटता, प्यार, मोहब्बत और आपसी भाईचारे की दुआ मांगी। इस अवसर पर राज्यपाल मार्ग्रेट अल्वा ने भी रोजेदारों को मुबारकबाद दी। इस मौके सार्वजनिक निर्माण मंत्री युनूस खान ने मुख्यमंत्री का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
प्रदेशभर से आए रोजेदारों को चीफ काजी खालिद उस्मानी ने मगरीब की नमाज अदा कराई। राजे का अजमेर दरगाह शरीफ की ओर से अंजुमन दरगाह शरीफ के अध्यक्ष सैय्यद हिसामुद्दीन नैयाजी, सचिव सैय्यद वाहिद हुसैन चिश्ती ने चुनरी ओढ़ा कर अभिनन्दन किया।
इस अवसर पर विधायक अशोक परनामी, अमीन पठान, मदरसाबोर्ड के पूर्व चेयरमैन हिदायत खान, हज कमेटी के पूर्व सदस्य फिरोज खान, अखिल भारतीय हकीम अजमल खान मेमोरियल संगठन के अध्यक्ष मसीमुद्दीन खान प्यारे मियां, पूर्व विधायक मो.माहिर आजाद, सलीम कागजी, जामे मस्जिद के नायब सदर अनवर शाह सहित मुस्लिम समाज के गणमान्य लोग उपस्थित थे।
उन्होंने जुबां एक है, खून एक है.एक है आंखों की पुतलियां हमारी,, फिर क्यूं हम आपस में जुदा जुदा, परवरदिगार रखे सबको खुश, यही इल्तजा हमारी..का शेर पढ़ते हुए प्रदेश में अमन चैन और खुशहाली की कामना के साथ परवरदिगार से रोजेदारों की इबादत कबूल करने की दुआ की।
उन्होंने कहा कि रोजे हमें मालिक के करीब लाकर इंसानियत और भाईचारे का पैगाम देते हैं। ये जात पात और मजहब का फर्क मिटाकर जीवन में नेकी की राह पर चलने और बुराइयों से बचने की राह दिखाते हैं।
राजे ने कहा कि इस्लाम के पांच बुनियादी सिद्घान्तों में से एक रोजा केवल भूखे रहने का नाम ही नहीं है, बल्कि रोजे इन्सान को ख्वाहिशों पर काबू रखते हुए आत्म नियंत्रण एवं त्याग की सीख देते हैं। उन्होंने सभी को रमजान माह एवं ईद की अग्रिम मुबारक देते हुए प्रदेश की 36 की 36 कौमों में एकजुटता, प्यार, मोहब्बत और आपसी भाईचारे की दुआ मांगी। इस अवसर पर राज्यपाल मार्ग्रेट अल्वा ने भी रोजेदारों को मुबारकबाद दी। इस मौके सार्वजनिक निर्माण मंत्री युनूस खान ने मुख्यमंत्री का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
प्रदेशभर से आए रोजेदारों को चीफ काजी खालिद उस्मानी ने मगरीब की नमाज अदा कराई। राजे का अजमेर दरगाह शरीफ की ओर से अंजुमन दरगाह शरीफ के अध्यक्ष सैय्यद हिसामुद्दीन नैयाजी, सचिव सैय्यद वाहिद हुसैन चिश्ती ने चुनरी ओढ़ा कर अभिनन्दन किया।
इस अवसर पर विधायक अशोक परनामी, अमीन पठान, मदरसाबोर्ड के पूर्व चेयरमैन हिदायत खान, हज कमेटी के पूर्व सदस्य फिरोज खान, अखिल भारतीय हकीम अजमल खान मेमोरियल संगठन के अध्यक्ष मसीमुद्दीन खान प्यारे मियां, पूर्व विधायक मो.माहिर आजाद, सलीम कागजी, जामे मस्जिद के नायब सदर अनवर शाह सहित मुस्लिम समाज के गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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