गुरुवार, 10 जुलाई 2014

लिम्का बुक में शामिल सीसीडीयू डिपार्टमेंट


लिम्का बुक में शामिल सीसीडीयू डिपार्टमेंट

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बाड़मेर. पीएचईडी की सीसीडीयू बाड़मेर ने जल चेतना कार्यक्रम के तहत नेशनल रिकार्ड हासिल कर लिम्का बुक में नाम दर्ज करवाया है। वैसे तो अमूमन कहा जाता है कि सरकारी विभागों में काम की रफ्तार बहुत ढीली होती है और इनके कारिंदे हर काम मे कम दिलचस्पी लेते है। बाड़मेर में सीसीडीयू ने इस धारणा के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। बीते सप्ताह इस अभियान को लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड 2014 में शामिल किया गया है। राज्य के सरकारी विभाग को मिलने वाला है पहला लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड है, जो सीसीडीयू को मिला है। जानकारी के मुताबिक दो साल में पानी बचाने की मुहिम में जुटे जलदाय विभाग की सीसीडीयू इकाई के आईईसी अनुभाग के अभियान जल चेतना की सांप सीढ़ी के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड 2014 में शामिल किया गया है। बीते साल जिले भर में जल चेतना की बात और खेल-खेल के जरिए जागरूकता के उद्देश्य से धरा पर उतारी गई सांप-सीढ़ी देश की सबसे बड़ी सांप सीढ़ी घोषित की गई है। लिम्का बुक ऑफ इंडिया की संपादक विजया घोष ने बीते सप्ताह इस नए नेशनल रिकॉर्ड के प्रमाण पत्र को सीसीडीयू इकाई के आईईसी अनुभाग के कंसल्टेंट अशोक सिंह राजपुरोहित को दिया। राज्य के सरकारी विभाग को मिलने वाला यह केवल पहला रिकॉर्ड है बल्कि ही इस साल के लिम्का बुक के संस्करण मे राजस्थान से एक ही आवेदन रिकॉर्ड मे शामिल किया है।
900स्क्वायर फीट की सांप-सीढ़ी: सीसीडीयूइकाई के आईईसी अनुभाग के कंसल्टेंट अशोक सिंह इस सांप सीढ़ी के निर्माता है। वे इसे एक अभिनव पहल के साथ साथ आसानी से लोगों में पानी बचाने का संदेश देने वाला जरिया बताते हैं। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के मुताबिक अब तक देश की सबसे बड़ी सांप सीढ़ी 729 वर्ग फिट की थी जिसका रिकॉर्ड तमिलनाडु की एक स्वयं सेवी संस्थान के पास था और यह रिकॉर्ड 2006 मे बना था।
बाड़मेर में बनी सांप सीढ़ी का क्षेत्रफल 900 वर्ग फिट है जिसने नया नेशनल रिकॉर्ड बनाया है। पीएचईडी के एसई ओपी व्यास इस उपलब्धि को एक मिसाल बताते है। उनका कहना है की बाड़मेर में पानी पर जनजागरण की मिसाल है। लोगों को पानी बचत का संदेश कई माध्यमों से दिया जा रहा है।

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