शनिवार, 19 जुलाई 2014

"रिफाइनरी पर इतनी जल्दबाजी, जरूरी कागज भी नहीं मिल रहे" -



जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान रिफाइनरी के मुद्दे पर पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर हमला बोला। राजे ने कहा कि पिछली सरकार के समय रिफाइनरी परियोजना को लेकर जिस प्रकार की जल्दबाजी दिखाई गई, उसके पीछे कुछ जरूर था! परियोजना की फाइल तक नहीं बनाई गई, जरूरी कागजात तक ढूंढने पड़ रहे हैं। इतने बड़े प्रोजेक्ट के लिए ना कोई एडवाइजर नियुक्त किया गया। जो पेट्रोलियम कम्पनी ने कहा, उसी पर हस्ताक्षर कर दिए गए।
CM Raje raises question over refinery project
राजे ने शुक्रवार को विधानसभा में बजट पर बहस का जवाब देते हुए रिफाइनरी के मामले में पिछली कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि पिछले वष्ाü 18 फरवरी को तत्कालीन मुख्यमंत्री सहित आला अधिकारियों की बैठक हुई। अगले दिन फिर बैठक हुई। फिर 22 फरवरी को एचपीसीएल के साथ होने वाले समझौता परिपत्र को स्वीकृति दे दी गई। इतनी जल्दबाजी के पीछे कुछ जरूर था। आठ महीने के इंतजार के बाद मामले में रि-निगोशिएट करने के कांग्रेस नेता अशोक गहलोत के आरोप को राजे ने खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा कि हमने कोई इंतजार नहीं किया। सरकार ने बहुत पहले ही इसे लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी थी। मुख्य सचिव एचपीसीएल के अधिकारियों की बैठक ले चुके हैं और अधिकारियों की टीम दिल्ली भी इस मामले में जाकर आ गई है। परियोजना से भविष्य में अगर 68 हजार करोड़ रूपए मिलने वाले थे तो पिछली सरकार ने 56 हजार करोड़ का कर्ज देना क्यों स्वीकार किया। इससे कोई तीन लाख नौकरियां भी मिलने वाली नहीं हैं। रिफाइनरी में केवल एक हजार से बारह सौ तकनीक के जानकार लोगों को ही नौकरी मिल पाएगी।

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