गुरुवार, 17 जुलाई 2014

वीएचपी नेता अशोक सिंघल की मुस्लिमों को खुली धमकी



विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल ने मुस्लिमों को खुली धमकी दी है। सिंघल ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों को हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करना सीखना होगा। वे अगर ऐसा नहीं करेंगे, तो लंबे समय तक वजूद में नहीं रह पाएंगे। वहीं सिंघल ने मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें आदर्श स्वयंसेवक बताया। सिंघल के इस विवादित बयान का बीजेपी और शिवसेना ने बचाव किया है।
VHP Chief Singhal's open threat

वीएचपी नेता ने कहा कि हालिया लोकसभा चुनावों से यह साबित हुआ है कि चुनाव मुस्लिमों के सपोर्ट के बिना भी जीते जा सकते हैं। सिंघल ने आगे कहा कि मुस्लिमों को यूनिफॉर्म सिविल कोड की स्वीकार करना चाहिए तथा अयोध्या, काशी और मथुरा पर अपना दावा छोड़ देना चाहिए।


कांग्रेस, सीपीएम समेत दूसरी विपक्षी पार्टियों ने सिंघल के इस बयान पर कड़ा ऐतराज जताया है। कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि वे इस तरह की राजनीति लंबे समय से करते रहे हैं। यह उनकी राजनीतिक की बुनियाद है। हमारे लिए भारत एक है और देश के हर नागरिक को सरकार चुनने का समान अधिकार है। मुझे नहीं लगता कि नरेंद्र मोदी सिंघल के बयान से सहमत होंगे।

एनसीपी नेता तारिक अनवर ने कहा, 'अशोक सिंघल की मानसिकता किसी से छिपी हुई नहीं है। यह छोटी विचारधारा के लोग हैं। ये अपनी दुकान चलाना चाहते हैं। भारत एक अनोखा देश है, जहां बहुमत को अल्पसंख्यक से डराने की कोशिश होती है। ये वही लोग हैं जो हिंदुओं को हमेशा डराकर रखना चाहते हैं।'

बीजेपी और शिवसेना ने सिंघल के बयान का समर्थन किया है। बीजेपी सांसद विनय कटियार ने कहा कि सिंघल ने कुछ भी गलत नहीं कहा है। वहीं शिव सेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि सिंघल के विचार राष्ट्रीय भावना को प्रकट करते हैं।
बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने भी सिंघल का बचाव किया। नकवी ने कहा कि मैंने उनका लेख पढ़ा है और उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनावों में मुस्लिम समाज का राजीतिक शोषण करने वाले बेनकाब हुए हैं। बीजेपी ने सबका साथ सबका विकास के साथ चुनाव लड़ा है। मोदी सबका विकास कर रहे हैं। सिंघल ने उन सेक्युलर सूरमाओं को आईना दिखाया है, जो सेक्युलरिज्म को अपनी राजनीतिक बैसाखी बनाते रहे हैं।

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