नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री और पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की कथित जासूसी की घटना सामने आई है। एक अंग्रेजी सामचार पत्र के मुताबिक गडकरी के 13 तीन मूर्ति लेन स्थित घर में उच्च क्षमता वाले लिसलिंग डिवाइसेज पाए गए हैं। दुर्घटवाश हुई खोज के बाद छुपे हुए माइक हटाने का आदेश दिया गया।
समाचार पत्र ने उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से बताया कि गडकरी के घर लगातार और डिवाइसेज पाए गए। गडकरी ने तुरंत घटना के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत को जानकारी दी। शुरूआती जांच के मुताबिक विदेशी एजेंसी ने गडकरी के घर में बग्स प्लांट किए थे। विदेशी एजेंसियों के ऑपरेटिव्स ही परिष्कृत लिसनिंग डिवाइस का इस्तेमाल करती है। खासतौर पर सीआईए और नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी।
वाशिंगटन पोस्ट ने 30 जून को एडवर्ड स्नोडन के हवाले से खुलासा किया था कि अमरीकी की प्रमुख जासूसी एजेंसी ने भाजपा नेताओं की जासूसी करवाई थी। अभी इस बात का पता नहीं चला है कि गडकरी के अलावा भाजपा के किन अन्य नेताओं की जासूसी की जा रही थी। समाचार पत्र के मुताबिक उसने घटना के बारे में प्रतिक्रिया के लिए कई बार गडकरी से संपर्क किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
गडकरी के एग्जिूक्यूटिव वैभव डांगे ने कहा कि उसे इस तरह की घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है। जब डांगे से गडकरी की प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया तो उसने कहा,मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। गौरतलब है कि 2011 के बाद से गडकरी भाजपा के महत्वपूर्ण नेता हो गए थे। गडकरी की संघ के वरिष्ठ नेताओं से नजदीकी के बारे में सभी को पता है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक लिसलिंग अपवाद स्वरूप उच्च क्वालिटी के हैं,जो भारत में इस्तेमाल नहीं किए जाते।
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