प्रत्येक ग्राम पंचायत मंे बनेगा मॉडल तालाब
-मॉडल तालाब के साथ तालाब के पाल की चैड़ाई बढ़ाने, अतिरिक्त पानी की निकासी, सुन्दरता बढ़ाने के लिए पौधारोपण एवं पेड़ों के नीचे बैठकर प्राकृतिक सुन्दरता के मध्य ग्रामीण चैपाल के लिए चबूतरे का निर्माण कराया जाएगा।
बाड़मेर, 23 जुलाई। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत राज्य सरकार द्वारा अभिनव पहल के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत मंे एक मॉडल तालाब का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए समस्त पंचायत समितियांे के विकास अधिकारियांे को मॉडल तालाब निर्माण के प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए गए है।
अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक सुरेश कुमार दाधीच ने बताया कि अभिनव पहल के तहत महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम एक परम्परागत जल स्त्रोत को मॉडल तालाब के रूप में विकसित किया जाना है। अभिनव पहल के तहत गांवों के सौन्दर्यीकरण के तहत राज्य सरकार ने राजकीय भवनों में पौधारोपण के बाद ग्राम पंचायत के जलाशय, तालाब, तलाई, नाडी पर ग्रामीण जनता की निर्भरता को ध्यान में रखते हुए ऐसे जलस्त्रोत को और अधिक उपयोगी बनाने, स्थानीय सौन्दर्यीकरण एवं जल स्त्रोतों को मजबूती प्रदान करने के कार्य महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत कराने के निर्देश दिए है। दाधीच ने बताया कि वर्ष 2014-15 के दौरान महात्मा गांधी नरेग योजनान्तर्गत मॉडल तालाब कार्य प्रारम्भ करने के लिए दिशा-निदेश जारी कर दिये है। इस योजना के तहत तालाब के पाल की चैड़ाई बढ़ाने, मवेशियों हेतु सुविधा, अतिरिक्त पानी की निकासी, सुन्दरता बढ़ाने हेतु वृक्षारोपण कार्य एवं पेड़ों के नीचे बैठकर प्राकृतिक सुन्दरता का आनन्द लेते हुए ग्रामीणों को मीटिंग करने हेतु चबूतरे का निर्माण कराया जायेगा।
तालाबों पर होंगे यह कार्य- ग्राम पंचायत अथवा जल संसाधन विभाग द्वारा कराये जाने वाले इस कार्य के तहत तालाब निर्माण सौन्दर्यकरण कार्य बडे़ तालाबों को प्राथमिकता देते हुए तालाब को बड़ा बनाया जाएगा। तालाब की पाल पर जगह छोडकर खुदाई कार्य, पानी को तालाब तक लाने के लिए कच्ची नहर का निर्माण, वर्षा जल के साथ बहकर आने वाली मिट्टी को रोकने के लिए लूज स्टोन चैक डेम का निर्माण, पाल पर पैदल भ्रमण करने के लिए मजबूती एवं सुन्दरता का कार्य,मजबूती के लिए पिचिंग एवं फेसवाल का निर्माण, मवेशियों के पीने के पानी की सुविधा के लिए 12-15 फीट में चैड़ाई में पत्थरों की पिचिंग कार्य, तालाब में आने वाले अतिरिक्त पानी की निकासी, तालाब को सुन्दरता बढ़ाने के लिए वृक्षारोपण कार्य किया जाएगा।
अच्छा कार्य करने वाली ग्राम पंचायत होगी पुरस्कृतः- इस अभिनव पहल योजना के तहत जिले में अच्छा कार्य करने वाली एक पंचायत समिति एवं एक ग्राम पंचायत को जिला स्तर से चयन कर पुरस्कार दिया जाएगा।
अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक सुरेश कुमार दाधीच ने बताया कि अभिनव पहल के तहत महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम एक परम्परागत जल स्त्रोत को मॉडल तालाब के रूप में विकसित किया जाना है। अभिनव पहल के तहत गांवों के सौन्दर्यीकरण के तहत राज्य सरकार ने राजकीय भवनों में पौधारोपण के बाद ग्राम पंचायत के जलाशय, तालाब, तलाई, नाडी पर ग्रामीण जनता की निर्भरता को ध्यान में रखते हुए ऐसे जलस्त्रोत को और अधिक उपयोगी बनाने, स्थानीय सौन्दर्यीकरण एवं जल स्त्रोतों को मजबूती प्रदान करने के कार्य महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत कराने के निर्देश दिए है। दाधीच ने बताया कि वर्ष 2014-15 के दौरान महात्मा गांधी नरेग योजनान्तर्गत मॉडल तालाब कार्य प्रारम्भ करने के लिए दिशा-निदेश जारी कर दिये है। इस योजना के तहत तालाब के पाल की चैड़ाई बढ़ाने, मवेशियों हेतु सुविधा, अतिरिक्त पानी की निकासी, सुन्दरता बढ़ाने हेतु वृक्षारोपण कार्य एवं पेड़ों के नीचे बैठकर प्राकृतिक सुन्दरता का आनन्द लेते हुए ग्रामीणों को मीटिंग करने हेतु चबूतरे का निर्माण कराया जायेगा।
तालाबों पर होंगे यह कार्य- ग्राम पंचायत अथवा जल संसाधन विभाग द्वारा कराये जाने वाले इस कार्य के तहत तालाब निर्माण सौन्दर्यकरण कार्य बडे़ तालाबों को प्राथमिकता देते हुए तालाब को बड़ा बनाया जाएगा। तालाब की पाल पर जगह छोडकर खुदाई कार्य, पानी को तालाब तक लाने के लिए कच्ची नहर का निर्माण, वर्षा जल के साथ बहकर आने वाली मिट्टी को रोकने के लिए लूज स्टोन चैक डेम का निर्माण, पाल पर पैदल भ्रमण करने के लिए मजबूती एवं सुन्दरता का कार्य,मजबूती के लिए पिचिंग एवं फेसवाल का निर्माण, मवेशियों के पीने के पानी की सुविधा के लिए 12-15 फीट में चैड़ाई में पत्थरों की पिचिंग कार्य, तालाब में आने वाले अतिरिक्त पानी की निकासी, तालाब को सुन्दरता बढ़ाने के लिए वृक्षारोपण कार्य किया जाएगा।
अच्छा कार्य करने वाली ग्राम पंचायत होगी पुरस्कृतः- इस अभिनव पहल योजना के तहत जिले में अच्छा कार्य करने वाली एक पंचायत समिति एवं एक ग्राम पंचायत को जिला स्तर से चयन कर पुरस्कार दिया जाएगा।
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