जयपुर। बीकानेर में हुए गैंगवार के बाद तलाशी और जांच अभियान के लिए जयपुर जिला कलेक्टर कृष्ण कुणाल शनिवार सुबह जयपुर सेंट्रल जेल पहुंचे।
उन्होंने करीब बीस मिनट तक जेल का निरीक्षण किया। बैरक नंबर तेरह और दस का हाल देखते ही कलेक्टर दंग रह गए।
दोनों ही बैरकों में कैदियों को ठूंस-ठूंस कर भरा गया था। जेल उप अधीक्षक ने उनको बताया कि दोनों ही जेल में बंद कैदियों को जल्द अन्य बैरकों में शिफ्ट किया जाना है।
कलेक्टर ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था और उपकरणों की जानकारी ली। निरीक्षण के बाद विजिटर डायरी में डीएम ने कैदियों को ठसा-ठसाकर भरे होने के बारे में नोट भी डाला।
आश्रम जैसी महिला जेल
इससे पहले डीएम महिला जेल में पहुंचे। वहां महिला बंदियों से बातचीत की और खाने और मेडिकल सुविधा का हाल जाना। पूरी जेल का निरीक्षण किया।
विजिटर डायरी में उन्होंने लिखा कि महिला जेल का माहौल आश्रम जैसा है। वहीं आनंद पाल और नेमीचंद को जयपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया है। दोनों की सुरक्षा में तीस से भी ज्यादा कर्मी लगाए गए हैं।
उन्होंने करीब बीस मिनट तक जेल का निरीक्षण किया। बैरक नंबर तेरह और दस का हाल देखते ही कलेक्टर दंग रह गए।
दोनों ही बैरकों में कैदियों को ठूंस-ठूंस कर भरा गया था। जेल उप अधीक्षक ने उनको बताया कि दोनों ही जेल में बंद कैदियों को जल्द अन्य बैरकों में शिफ्ट किया जाना है।
कलेक्टर ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था और उपकरणों की जानकारी ली। निरीक्षण के बाद विजिटर डायरी में डीएम ने कैदियों को ठसा-ठसाकर भरे होने के बारे में नोट भी डाला।
आश्रम जैसी महिला जेल
इससे पहले डीएम महिला जेल में पहुंचे। वहां महिला बंदियों से बातचीत की और खाने और मेडिकल सुविधा का हाल जाना। पूरी जेल का निरीक्षण किया।
विजिटर डायरी में उन्होंने लिखा कि महिला जेल का माहौल आश्रम जैसा है। वहीं आनंद पाल और नेमीचंद को जयपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया है। दोनों की सुरक्षा में तीस से भी ज्यादा कर्मी लगाए गए हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें