बालेश्वर : रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन तथा रूस के वैज्ञानिकों के संयुक्त प्रयास से निर्मित जमीन से जमीन पर मार करने वाली क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का चादीपुर आइटीआर के एलसी-3 से सपफलतापूर्वक परीक्षण मंगलवार की सुबह 10.40 बजे किया गया।
यह प्रक्षेपास्त्र 8.4 मीटर लंबा, 0.6 मीटर चौड़ा है। इसका वजन तीन हजार किग्रा है। यह प्रक्षेपास्त्र 300 किग्रा् वजन तक विस्फोटक ढोने एवं 290 किमी तक मार करने की क्षमता रखता है। यह सुपरसोनिक क्रूज प्रक्षेपास्त्र आवाज की गति से भी 2.8 गुना तेज जाने की क्षमता रखता है। इस प्रक्षेपास्त्र को पानी जहाज, हवाई जहाज, जमीन व मोबाइल लाचर से छोड़ा जा सकता है। इस प्रक्षेपास्त्र को किसी भी दिशा एवं लक्ष्य की ओर मनचाहे ढंग से छोड़ा जा सकता है। आज के इसके परीक्षण के मौके पर डीआरडीओ एवं आइटीआर से जुड़े अधिकारियों व वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौजूद था। इसकी सटीकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह जमीनी लक्ष्य को 10 मीटर की ऊंचाई तक से भेद सकता है। इस मिसाइल को बहुउद्देश्यीय प्लेटफार्म प्रक्षेपित किया जा सकता है। रूस के साथ संयुक्त रूप से विकसित ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसका प्रक्षेपण पनडुब्बी पोर्ट विमान या जमीन आधारित मोबाइल आटोनमस लाचर से भी किया जा सककता है। ब्रह्मोस का एक बेड़ा पहले से ही सेना में कार्यात्मक रूप से शामिल हो चुका है। ब्रह्मोस मिसाइल एक दो चरणीय वाहन है। इसमें ठोस प्रोपेनेट बुस्टर तथा एक तरल प्रोपेनेट रैमजैम सिस्टम है। ब्रह्मोस का पहला परीक्षण 12 जून 2001 को आइटीआर चादीपुर से ही किया गया था।
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