अजमेर। देश में प्रशासनिक सेवा में चयनित अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण के दौरान गलत रिपोर्ट पेश करने का सनसनीखेज मामला उजागर हुआ है।
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविधालय के राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष और डीन सामाजिक विज्ञान संकाय प्रो. एसएन सिंह ने शुक्रवार को खुलासा करते हुए कहा कि देश में प्रशासनिक अधिकारियों को सशक्त रूप से प्रशिक्षण नहीं दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि यह तथ्य लाल बहादुर राष्ट्रीय प्रशासनिक एकडमी मंसूरी द्वारा वर्ष 2003 से 2009 तक 26 प्रशासनिक प्रशिक्षु द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट का आंकलन कराने के लिए आई रिपोर्टो की जांच करने से यह तथ्य सामने आया है।
अकादमी द्वारा विभिन्न विश्वविधालयों के प्रोफेसर को प्रशिक्षु अधिकारियों की रिपोर्ट का आंकलन कराने के लिए यह रिपोर्ट प्रेषित की गई थी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 से 2007 तक प्रदेश से तीन प्रशासनिक अधिकारियों ने सही ढंग से प्रशिक्षण पूरा नहीं किया और केवल कागजी आधार पर अपनी रिपोर्ट पेश कर दी गई।
मंसूरी के निदेशक को भेजी अपनी रिपोर्ट में उन्होंने प्रशिक्षणार्थी प्रशासनिक अधिकारियों पर सत्र 2005, 2006 एवं 2007 के प्रशिक्षणार्थियों ने नकल करके अपने रिपोर्ट लिखने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि इन लोगों ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के चुनाव क्षेत्र झालावाड़ जिले में गांव के विकास का खाका नकल के आधार पर तैयार किया है। उन्होंने बताया कि 2005 में एक प्रशिक्षु अधिकारी ने झालावाड जिले के श्रोती गांव की रिपोर्ट तैयार की।
इसके एक साल बाद ही 2006 में एक अन्य प्रशिक्षु अधिकारी ने जांच रिपोर्ट में इसी गांव का नाम बदल कर झालावाड़ जिले के बाकानी ब्लाक के रातलाई गांव का उल्लेख करते हुए पेश की।
इसमें प्रशिक्षु ने बगैर किसी वास्तविक आंकलन किए गांव का नाम तो बदल दिया लेकिन आबादी सहित अन्य जानकारियां वैसे ही कर दी गई। इसी तरह इसी जिले में आए एक अन्य प्रशिक्षु ने भी बगैर किसी बदलाव के अपनी रिपोर्ट तैयार कर अकादमी को जमा करा दी। -
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