जेनेवा। आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ने एक और फतवा जारी कर सबको हैरान कर दिया। आईएसआईएस का यह फतवा लड़कियों और महिलाओं के लिए है। इस फतवे में कहा गया है कि 11 से 46 साल की लड़कियों और महिलाओं का खतना करना होगा। यह फतवा करीब 40 लाख लड़कियों और महिलाओं को प्रभावित करेगा। इससे पहले भी आईएसआईएस ने एक फतवा जारी किया था। उस फतवे में कहा गया था कि जो भी गैर इस्लामिक हैं वो या तो इस्लाम धर्म को कबूल कर लें या मौत। इस फतवे में आईएसआईएस ने गैर इस्लामिक लोगों पर धार्मिक कर लगाने की भी बात कही थी।
वहीं भारत के मुस्लिम धर्मगुरूओं ने इस फतवे की खिलाफत की है। उनका मानना है कि रमजान जैसे पवित्र महीने में किसी को चोट पहुंचाना गलत है। उनका कहना है कि यह फतवा इस्लाम का अपमान है। वहीं दारूल उलूम देवंद के अशरफ उस्मानी का कहना है कि इस काम को अंजाम देना गलत है।
सुन्नी आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ने इराक की महिलाओं के खिलाफ एक फतवा जारी किया है। इसमें कहा गया है कि 11 साल से 46 साल तक की उम्र की सभी महिलाओं को खतना कराना होगा। आतंकवादी संगठन के इस आदेश से इराक की 40 लाख से ज्यादा महिलाएं प्रभावित हो सकती हैं। गौरतलब है कि आईएसआईएस इराक के कई इलाकों पर कब्जा जमा चुका है। अपने कब्जे वाले इलाकों को वह इस्लामिक राष्ट्र घोषित कर चुका है और यहां पर वह अपने नियम कानून लागू कर रहा है।
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