नई दिल्ली। स्विस बैंक के खाताधारकों के विरूद्ध कार्रवाई शुरू कर दी गई है। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने लोकसभा में शुक्रवार को एक सवाल के जवाब में कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) इस मामले को देख रहा है।
प्रश्नकाल में चर्चा के बीच भारतीय जनता पार्टी सदस्य अनुराग ठाकुर के सवाल पर जेटली ने कहा कि कर की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। हम स्विस अधिकारियों से चर्चा की प्रक्रिया में हैं। कानून के दायरे में जो भी संभव होगा हम करेंगे।
जेटली ने कहा कि मीडिया में एक अलग सूची की चर्चा थी। जब हमने स्विस अधिकारियों से अलग सूची के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि कोई अलग सूची नहीं है। मौजूदा सरकार के पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है और काले धन के मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विदेश में खोले गए जिन खातों पर विवाद है, उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना खोला गया है। जेटली ने कहा कि कुछ विदेशी खाते वैध हैं, जबकि कुछ अवैध हैं। अवैध खातों पर हम सहयोग चाह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिन देशों में खाते हैं, उनके सहयोग से ही प्रमाण सामने आएगा। उनके मुताबिक फ्रांस की सरकार ने ऎसे खातों को लेकर सचेत किया है।
उन्होंने कहा कि उनके पास स्विस खाताधारकों की एक सूची थी। उन्हें ये आंकड़े किसी सरकारी मार्ग से नहीं मिले थे। किसी ने एचएसबीसी बैंक से लेकर फ्रांस सरकार को दिया था।
ारकार के पास जो भी सूचना है, वह उन सभी का उपयोग कर रही है। उन्होंने साथ ही बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के जुलाई 2011 के निर्देश के मुताबिक इस मामले को देखने के लिए एक विशेष जांच दल गठित किया गया है।
मंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार के पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है। यह मुद्दा कुछ समय से बना हुआ है। हमने इसे गंभीरता से लिया है। इस मुद्दे पर स्विस कानून काफी महत्वपूर्ण है।
कुछ अनुमानों और भाजपा के एक वरिष्ठ सदस्य के बयान के मुताबिक, 462 अरब डॉलर से 14 खरब डॉलर तक का काला धन विदेशी बैंकों में जमा हो सकता है।
प्रश्नकाल में चर्चा के बीच भारतीय जनता पार्टी सदस्य अनुराग ठाकुर के सवाल पर जेटली ने कहा कि कर की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। हम स्विस अधिकारियों से चर्चा की प्रक्रिया में हैं। कानून के दायरे में जो भी संभव होगा हम करेंगे।
जेटली ने कहा कि मीडिया में एक अलग सूची की चर्चा थी। जब हमने स्विस अधिकारियों से अलग सूची के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि कोई अलग सूची नहीं है। मौजूदा सरकार के पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है और काले धन के मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विदेश में खोले गए जिन खातों पर विवाद है, उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना खोला गया है। जेटली ने कहा कि कुछ विदेशी खाते वैध हैं, जबकि कुछ अवैध हैं। अवैध खातों पर हम सहयोग चाह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जिन देशों में खाते हैं, उनके सहयोग से ही प्रमाण सामने आएगा। उनके मुताबिक फ्रांस की सरकार ने ऎसे खातों को लेकर सचेत किया है।
उन्होंने कहा कि उनके पास स्विस खाताधारकों की एक सूची थी। उन्हें ये आंकड़े किसी सरकारी मार्ग से नहीं मिले थे। किसी ने एचएसबीसी बैंक से लेकर फ्रांस सरकार को दिया था।
ारकार के पास जो भी सूचना है, वह उन सभी का उपयोग कर रही है। उन्होंने साथ ही बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के जुलाई 2011 के निर्देश के मुताबिक इस मामले को देखने के लिए एक विशेष जांच दल गठित किया गया है।
मंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार के पास छुपाने के लिए कुछ नहीं है। यह मुद्दा कुछ समय से बना हुआ है। हमने इसे गंभीरता से लिया है। इस मुद्दे पर स्विस कानून काफी महत्वपूर्ण है।
कुछ अनुमानों और भाजपा के एक वरिष्ठ सदस्य के बयान के मुताबिक, 462 अरब डॉलर से 14 खरब डॉलर तक का काला धन विदेशी बैंकों में जमा हो सकता है।
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