शुक्रवार, 18 जुलाई 2014

जाने ताजमहल की कुछ अनसुनी बातें

मुमताज महल और शाहजहां के प्रेम का प्रतीक है ताजमहल। इसके निर्माण से संबंधित बहुत सारी कथाएं प्रचलित हैं। अपनी चौदहवीं संतान को जन्म देने के उपरांत बुरहानपुर में मुमताज महल अल्लहा को प्यारी हो गई। उनके पार्थिव शव को छह महीने तक इसी स्थान पर दफना कर रखा गया और कुछ समय उपरांत शव को कब्र से निकाल कर शाहजहां अपने साथ आगरा ले गए और उसे ताजमहल में दफनाया गया।जाने ताजमहल की कुछ अनसुनी बातें
ताजमहल भारत का गौरव है और वह दुनिया के 8 अजूबों में से एक है। इसका निर्माण कार्य 1632 में शुरु हुआ था। इस स्मारक को बनाने में पूरे बाइस साल (1630-1652) लगे। सफेद संगमरमर से बना यह मकबरा वर्गाकार नींव पर आधारित है। यह खूबसूरत महल प्यार का प्रतीक माना जाता है। हर शुक्रवार को ताजमहल बंद रहता है। यह 400 वर्ष पुराना है और इसका निर्माण 20 हजार मजदूरों ने रात-दिन काम करके चमकीले सफेद संगमरमर से बेहतरीन मुगल वास्तुकला के नमूने के रूप में किया था। जो ईरानी और भारतीय शैलियों का सुमेल है।

ताज परिसर में कदम रखते ही आप मंत्रमुग्ध हो जाते हैं कि इतनी खूबसूरत रचना मनुष्य ने कैसे की होगी। पूरे परिसर में सजावट के रूप में कुरान की आयतें उकरी हुई हैं। सफेद संगमरमर से बना यह मकबरा वर्गाकार नींव पर आधारित है। यह मेहराबरूपी गुंबद के नीचे है और यहां एक वक्राकार गेट के जरिए पहुंचा जा सकता है। 300 मीटर का वर्गाकार चार बाग भी ताजमहल की शोभा बढ़ाते हैं। इसमें कई उठे हुए रास्ते हैं, जो बाग को 16 फूलों की क्यारियों में बांटते हैं। ताजमहल की सुंदरता का कोई भी बखान नहीं कर सकता।

ताजमहल के वजूद पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यमुना नदी में पानी का स्तर कम होने के कारण ताजमहल की नींव में लगी लकड़ी सूख रही है जिससे ताजमहल के अस्तित्व को भयानक खतरा हो सकता है। अन्य कारणों पर दृष्टिपात करें तो आगरा में ताजमहल के आसपास के इलाकोंं में औद्योगिक ईकाईयों के खुलने के कारण इस धरोधर के क्षतिग्रस्त होने की आशंकाएं बढ़ गई हैं साथ ही खतरा इस इमारत की खूबसूरती पर दाग लगने का भी बढ़ रहा है। ताजमहल पर ‘मुलतानी मिट्टी’ का लेप समेत कई पहल की गई लेकिन बढ़ता प्रदूषण समस्या बना हुआ है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें