जयपुर। राज्य सरकार ने बुधवार को विधानसभा में दावा किया कि प्रदेश में महंगाई नहीं है, ऎसे में अभी माल अधिनियम के तहत ज्यादा वस्तुओं की स्टॉक सीमा तय करने की जरूरत नहीं है।
राजस्थान के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री हेम सिंह ने प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि बढती महंगाई को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गंभीरता से लिया गया।
उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत अप्रत्याशित कीमतें बढने पर दरें घोषित करके कीमतों को नियंत्रित किया जा सकेगा।
प्रश्नकाल के दौरान सदन में मूल प्रश्नकर्ता किरोड़ी लाल मीणा, हनुमान बेनीवाल समेत अन्य विधायकों ने महंगाई के कारण और हाल ही में लागू किए गए माल अधिनियम में शामिल वस्तुओं का मुद्दा उठाया।
उन्होंने बताया कि स्टॉक सीमा तय करने की भी जरूरत नहीं है। चना दाल की कीमतों का जिक्र करते हुए कहा कि 2009 में इसकी कीमत 32.50 रूपए थी, 2010 में 27.50 रूपए हो गई।
2011 में 34.50 रूपए, 2012 में 60 रूपए, 2013 में 41 रूपए और इस साल जुलाई में यह कीमत गिरकर 36 रूपए प्रति किलो आ गई है।
इसी प्रकार प्याज की कीमतें पिछले वर्ष 15 जुलाई को 24.50 रूपए किलो था, जो इस समय 22 रूपए किलो ही मिल रहा है। स्थितियां पूरी तरह से नियंत्रण में है। दालों पर स्टॉक सीमा तय थी, लेकिन यह आदेश भी 30 सितम्बर 2013 तक ही लागू थे।
हनुंमान बेनीवाल ने प्रश्न उठाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कीमतों पर नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। उस समिति की रिपोर्ट लागू की जाएगी या नहीं। इस पर भड़ाना ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है।
राजस्थान के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री हेम सिंह ने प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से पूछे गए पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि बढती महंगाई को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गंभीरता से लिया गया।
उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत अप्रत्याशित कीमतें बढने पर दरें घोषित करके कीमतों को नियंत्रित किया जा सकेगा।
प्रश्नकाल के दौरान सदन में मूल प्रश्नकर्ता किरोड़ी लाल मीणा, हनुमान बेनीवाल समेत अन्य विधायकों ने महंगाई के कारण और हाल ही में लागू किए गए माल अधिनियम में शामिल वस्तुओं का मुद्दा उठाया।
उन्होंने बताया कि स्टॉक सीमा तय करने की भी जरूरत नहीं है। चना दाल की कीमतों का जिक्र करते हुए कहा कि 2009 में इसकी कीमत 32.50 रूपए थी, 2010 में 27.50 रूपए हो गई।
2011 में 34.50 रूपए, 2012 में 60 रूपए, 2013 में 41 रूपए और इस साल जुलाई में यह कीमत गिरकर 36 रूपए प्रति किलो आ गई है।
इसी प्रकार प्याज की कीमतें पिछले वर्ष 15 जुलाई को 24.50 रूपए किलो था, जो इस समय 22 रूपए किलो ही मिल रहा है। स्थितियां पूरी तरह से नियंत्रण में है। दालों पर स्टॉक सीमा तय थी, लेकिन यह आदेश भी 30 सितम्बर 2013 तक ही लागू थे।
हनुंमान बेनीवाल ने प्रश्न उठाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कीमतों पर नियंत्रण के लिए मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। उस समिति की रिपोर्ट लागू की जाएगी या नहीं। इस पर भड़ाना ने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है।
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