नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के सूरत बम धमाकों के 11 आरोपियों को शुक्रवार को बरी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला गुजरात सरकार के लिए बड़ा झटका है। बम धमाकों में एक स्टूडेंट की मौत हुई थी जबकि 40 अन्य घायल हुए थे।
न्यायाधीश टी.एस.ठाकुर के नेतृत्व वाली पीठ ने टाडा कोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। टाडा कोर्ट ने 2008 में सभी को दोषी करार देते हुए अलग-अलग सजा सुनाई थी। अधिकतम सजा 20 साल तक की सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार की कुछ दोषियों की सजा बढ़ाने और कुछ आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती देने वाली अपील को भी खारिज कर दिया।
1993 में सूरत में दो बम धमाके हुए थे। पहला धमाका 21 जनवरी 1993 को सूरत के वराछा इलाके में हुआ था। दूसरा बम धमाका सूरत रेलवे स्टेशन पर हुआ था। धमाका एक्सप्रेस ट्रेन को निशाना बनाने के मकसद से किया गया था। पहले धमाके में महिला स्टूडेंट अल्पा पटेल की मौत हो गई थी जबकि 11 अन्य घायल हुए थे। रेलवे स्टेशन पर हुए दूसरे बम धमाके में 38 यात्री घायल हुए थे।
टाडा कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की इस दलील को स्वीकार किया था कि धमाके अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराए जाने का बदला लेने के लिए किए गए थे। कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी करार देते हुए अलग अलग सजा सुनाई थी।
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