गुरुवार, 10 जुलाई 2014

15 किलोमीटर बैलगाड़ी चलाकर मां को लाया अस्पताल

बैतूल।गरीब आदिवासी युवक को जब अपनी 85 वर्षीय मां के इलाज के लिए के कोई वाहन नहीं मिला तो वह बैलगाड़ी से ही उसे लेकर निकल गया। बुधवार सुबह आठ बजे के लगभग घर से निकले युवक को जिला अस्पताल पहुंचने के लिए पांच घंटे लग गए। युवक ने 15 किमी का सफर बैलगाड़ी से ही तय किया। बीमार वृद्धा को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती किया है।
Mother brought to the hospital by running 15 kilometers cart
ग्राम ग्यारसपुर निवासी मजदूर बालकराम पन्द्राम ने बताया कि उसकी मां रंजनाबाई पन्द्राम (85) का स्वास्थ्य बुधवार सुबह बिगड़ गया। घर पर वाहन नहीं होने से उसे बैलगाड़ी से इलाज के लिए ग्राम खंडारा किला के अस्पताल पहुंचा। डॉक्टर ने तत्काल मां को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाने की बात कही।


इमरजेंसी होने के बावजूद किला खंडारा के डॉक्टर ने वृद्धा को 108 उपलब्ध कराने के लिए भी कोई प्रयास नहीं किए। जिला अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी पर डॉक्टर प्रमोद मालवीय ने वृद्धा के स्वास्थ्य की जांच कर भर्ती किया। डॉक्टर ने बताया कि वृद्धा सिरोटिक बीमारी से पीडित है। इलाज किया जा रहा है।



बैलगाड़ी का किराया दौ सौ रूपए : बालकराम ने बताया कि उसके पास बैलगाड़ी भी नहीं है। इलाज के लिए जिला अस्पताल लाने सरकारी वाहन नहीं मिल सका। इसलिए अपने भाई मदन पन्द्राम की बैलगाड़ी किराए से लेकर आया हंू। मदन ने कहा कि बैलगाड़ी चाहिए तो दो सौ रूपए किराया देना ही पड़ेगा।



प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक भृत्य और एक डॉक्टर के अलावा कोई नहीं है। स्वास्थ्य केंद्र में कोई वाहन की व्यवस्था भी नहीं है और जिस वृद्धा की बात की जा रही है, वह अस्पताल ही नहीं आई है।- डॉ. दिलीप कुमार बडिए, पीएसपी किला खंडरा

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