शुक्रवार, 20 जून 2014

केदारनाथ सिंह को ज्ञानपीठ पुरस्कार

नयी दिल्ली, 20 जून :भाषा: हिन्दी की आधुनिक पीढ़ी के रचनाकार केदारनाथ सिंह को वर्ष 2013 के लिए देश का सर्वोच्च साहित्य सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया जायेगा। वह यह पुरस्कार पाने वाले हिन्दी के 10वें लेखक हैं।
ज्ञानपीठ द्वारा आज यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार सीताकांत महापात्रा की अध्यक्षता में आज यहां हुई चयन समिति की बैठक में हिन्दी के जाने माने कवि केदारनाथ सिंह को वर्ष 2013 का 49वां ज्ञानपीठ पुरस्कार दिये जाने का निर्णय किया गया।

केदारनाथ सिंह इस पुरस्कार को हासिल करने वाले हिन्दी के 10वें रचनाकार है. इससे पहले हिन्दी साहित्य के जाने माने हस्ताक्षर सुमित्रनंदन पंत, रामधारी सिंह दिनकर, सच्चिदानंद हीरानंद वात्सयायन अज्ञेय, महादेवी वर्मा, नरेश मेहता, निर्मल वर्मा, कुंवर नारायण, श्रीलाल शुक्ल और अमरकांत को यह पुरस्कार मिल चुका है. पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार मलयालम के लेखक जी शंकर कुरूप (1965) को प्रदान किया गया था.

केदार जी का जन्म उत्तरप्रदेश के बलिया जिले के ग्राम चकिया में वर्ष 1934 में हुआ था. उनकी प्रमुख कृतियों में ‘अभी बिल्कुल अभी’, ‘जमीन पक रही है’, ‘यहां से देखो’, ‘अकाल में सारस’, ‘बाघ’, ‘सृष्टि पर पहरा’, ‘मेरे समय के शब्द’, ‘कल्पना और छायावाद’ और ‘तालस्ताय और साइकिल’ आदि शामिल हैं.

पुरस्कार के रूप में केदारनाथ सिंह को 11 लाख रूपये, प्रशस्ति पत्र और वाग्देवी की प्रतिमा प्रदान की जायेगी.

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