शनिवार, 14 जून 2014

बंसल को मिला इनाम, बने संगठन के महामंत्री

लखनऊ। लोकसभा चुनाव में प्रदेश प्रभारी अमित शाह के सहयोगी रहे सुनील बंसल को भारतीय जनता पार्टी ने उपहार देते हुए उन्हे उत्तर प्रदेश भाजपा का संगठन महामंत्री बनाया है। इन्होंने राकेश जैन का स्थान लिया है, जिन्हें केंद्र में अहम जिम्मेदारी दिए जाने की सम्भावना है।
sunil bansal appointes uttar pradesh bjp organisation secretary 
राजस्थान मूल के सुनील बंसल को लोकसभा चुनावों से कुछ समय पहले ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से भाजपा संगठन में काम करने के लिए भेजा गया था और उन्हें लोकसभा चुनावों में अमित शाह के साथ उत्तर प्रदेश का सह प्रभारी नियुक्त किया गया था।

दो दिन तक दिल्ली में चली प्रदेश संगठन महामंत्रियों की बैठक के समापन पर शुक्रवार शाम को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने सुनील बंसल को उत्तर प्रदेश का संगठन महामंत्री बनाए जाने की घोषणा की। बंसल मूलत: जयपुर जिले के कोटपूतली के रहने वाले हैं और लम्बे समय तक प्रदेश में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् में विभिन्न पदों पर काम किया था।

चुनाव के दौरान बंसल ने अपनी युवा टीम के साथ एक अहम भूमिका अदा की थी। इनके युवा टीम से भाजपा के पदाधिकारी समेत संघ परिवार भी काफी संतुष्ट रहा। उप्र में भाजपा गठबंधन के 73 सीटें मिलने के बाद तय माना जा रहा था कि आने वाले समय में बंसल को प्रदेश में एक अहम जिम्मेदारी दी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि भाजपा के देशभर के प्रदेश संगठन महामंत्रियों की दिल्ली में दो दिवसीय बैठक थी। बैठक के अंतिम दिन शुक्रवार को राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने फेरबदल करते हुए सुनील बंसल को उत्तर प्रदेश संगठन महामंत्री घोषित किया।

बंसल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक हैं। इसके पूर्व वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री रहे। अभाविप में बंसल को कुशल संगठक तथा छात्रसंघ चुनाव लड़ाने का विशेषज्ञ माना जाता रहा। अभाविप का दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव में लगातार विजयी होने का श्रेय भी इन्हीं को मिलता है। सौम्य और कठोर परिश्रम के नाते इनकी एक अलग पहचान बनी है।

आरएसएस की योजनानुसार इन्हें लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश प्रभारी अमित शाह के सहयोगी के नाते उप्र भेजा गया। बंसल ने कम समय में अपनी कार्यशैली से काफी लोगों को प्रभावित किया।

बंसल लोकसभा चुनाव में लगभग चार माह तक पूरी टीम के साथ कड़ी मेहनत कर पार्टी की रणनीति को अंजाम देने में सफल रहे। इन्होंने पार्टी की चुनावी रणनीति को बेहतर तरीके से अमलीजामा पहनाया और इनके चुनावी सर्वे के दावे भी करीब-करीब सटीक रहा। -

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