काहिरा। मिस्र की सेना ने एड्स और हेपेटाइटिस-सी को जड़ से खत्म करने वाली दवा बनाने का दावा किया है।
हालांकि सेना ने कहा है कि इसे सार्वजनिक करने से पहले उन्हें परीक्षण के लिए 6 महीने का वक्त चाहिए।
काहिरा में एक संवाददाता सम्मेलन में सेना के एक डॉक्टर ने कहा कि इन खतनरकार बीमारियों को खत्म करने के लिए जो तकनीक ईजाद की गई है, उसे सर्वाजनिक किए जाने से पहले थोड़ा और परीक्षण किए जाने की जरूरत है।
सूत्रों के मुताबिक, डॉक्टरों ने इस तकनीक को लगभग करीब 80 हेपेटाइटिस-सी मरीजों पर आजमाया है।
दावे को नकार चुके हैं वैज्ञानिक
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्र के सेना के इस दावे को वैज्ञानिक खारिज कर चुके हैं। फरवरी में एक प्रेस कॉन्फे्रंस में सेना के इंजीनियरिंग एजेंसी के मुखिया ने कहा था कि मिलिट्री ने एक ऎसी `चौंकाने वाली जादुई खोज` की है।
इससे एड्स, हेपेटाइटिस और दूसरे वायरस जनित बीमारियों को बिना ब्लड सैंपल लिए टेस्ट किया जा सकेगा और इन बीमारियों से बचाने के लिए खून का शुद्धिकरण भी किया जा सकेगा।
वैज्ञानिकों ने इसे सत्य नहीं माना और कहा कि इस दावे की ठीक ढंग से पुष्टि नहीं हुई है।
10 फीसदी जनता हेपेटाइटिस-सी से ग्रसित
इस दावे के बाद मिस्र में चर्चाओं का दौर चल पड़ा क्योंकि यहां हेपेटाइटिस-सी एक बहुत बड़ा सिरदर्द बनकर उभरा है। कुछ अध्ययनों में दावा किया गया है कि 8 करोड़ 60 लाख की मिस्र की आबादी में करीब 10 प्रतिशत लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं।
हालांकि सेना ने कहा है कि इसे सार्वजनिक करने से पहले उन्हें परीक्षण के लिए 6 महीने का वक्त चाहिए।
काहिरा में एक संवाददाता सम्मेलन में सेना के एक डॉक्टर ने कहा कि इन खतनरकार बीमारियों को खत्म करने के लिए जो तकनीक ईजाद की गई है, उसे सर्वाजनिक किए जाने से पहले थोड़ा और परीक्षण किए जाने की जरूरत है।
सूत्रों के मुताबिक, डॉक्टरों ने इस तकनीक को लगभग करीब 80 हेपेटाइटिस-सी मरीजों पर आजमाया है।
दावे को नकार चुके हैं वैज्ञानिक
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, मिस्र के सेना के इस दावे को वैज्ञानिक खारिज कर चुके हैं। फरवरी में एक प्रेस कॉन्फे्रंस में सेना के इंजीनियरिंग एजेंसी के मुखिया ने कहा था कि मिलिट्री ने एक ऎसी `चौंकाने वाली जादुई खोज` की है।
इससे एड्स, हेपेटाइटिस और दूसरे वायरस जनित बीमारियों को बिना ब्लड सैंपल लिए टेस्ट किया जा सकेगा और इन बीमारियों से बचाने के लिए खून का शुद्धिकरण भी किया जा सकेगा।
वैज्ञानिकों ने इसे सत्य नहीं माना और कहा कि इस दावे की ठीक ढंग से पुष्टि नहीं हुई है।
10 फीसदी जनता हेपेटाइटिस-सी से ग्रसित
इस दावे के बाद मिस्र में चर्चाओं का दौर चल पड़ा क्योंकि यहां हेपेटाइटिस-सी एक बहुत बड़ा सिरदर्द बनकर उभरा है। कुछ अध्ययनों में दावा किया गया है कि 8 करोड़ 60 लाख की मिस्र की आबादी में करीब 10 प्रतिशत लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं।
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