गुरुवार, 12 जून 2014

कटारिया इस तरह बदलेंगे राजस्थान के लोगों का भाग्य -



जयपुर। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कैबिनेट के सबसे वरिष्ठ मंत्री गुलाबचंद कटारिया का कहना है कि जनता से जुड़ाव के लिहाज से पंचायतीराज विभाग सबसे बड़ा है। प ंचायतीराज मंत्री के रूप में मैं जितने लोगों की मदद और उनकी जिंदगी में बदलाव ला सकता हूं। पंचायतीराज लाखों लोगों की जिंदगी बदलने का मिशन है।

Gulab Chand Kataria made schemes to develop citizen`s lifeभविष्य के लिए क्या प्लांनिग है?

पंचायतीराज मंत्री के रूप में क्या नहीं है मेरे पास। 9 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतें, 12 हजार करोड़ का बजट, 1.20 लाख जनप्रतिनिधि, आधे शिक्षक, मिड-डे मील, मनरेगा और 5 विभाग।

इस लिहाज से मैं प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा लोगों की सेवा कर सकता हूं। मेरे हिसाब से पंचायतीराज में काम करने का बहुत स्कोप है। वर्षे से गांवों के विकास की रफ्तार बेहद धीमी है। विकास में तेजी लाकर राजस्थान के गांवों की दशा बदलेंगे।

शिक्षा विभाग स्कूलों को पंचायतीराज से वापस ले रहा है, क्या कहेंगे?

स्कूल वापस लिए जाएंगे, तो पंचायतीराज विभाग को क्या फर्क पड़ेगा। एक सिरदर्द कम होगा। पंचायतीराज से शिक्षा विभाग वापस लेना इतना आसान नहीं है। इसका फैसला राज्य सरकार को करना है। पंचायतीराज के स्कू लों के लिए नोडल एजेंसी शिक्षा विभाग है।

उपलब्घियां?

पंचायतीराज विभाग के पास मॉनिटरिंग और फंड खर्च करने की इच्छाशक्ति की कमी है। वित्तीय वर्ष 2012-13 में 30 फीसदी फंड का उपयोग हुआ था। हमारी सरकार बनने के बाद यह आंकड़ा 54 प्रतिशत तक पहुंच गया। मौजूदा वित्तीय वष्ाü में पूरा फंड यूटीलाइज करने की कोशिश होगी।

क्या पंचायतीराज में शिक्षा का स्तर सुधरा है?

नहीं, ये बात सच है कि पंचायतीराज में शिक्षण व्यवस्था की सही ढंग से मॉनिटरिंग नहीं हो पाई। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का स्तर सुधरने की बजाय गिरा है।

मिशन-25 के बावजूद राजस्थान को केन्द्र में कम प्रतिनिधित्व मिला, क्यों?

ये मामला मुख्यमंत्री के स्तर का है। वे देखेंगी कि हमें कम प्रतिनिधित्व क्यों मिला और इसके लिए आगे क्या करना है? हमने अपना काम पूरा कर दिया है।

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