बांसवाड़ा। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सरकार के छह माह के कार्यकाल को लेकर आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा कि उनके पास ऎसी कोई जादू की छड़ी नहीं कि जिसे घुमाते ही बदलाव आ जाए।
जनता ने हमें पांच साल का समय दिया है। इस अवधि में राजस्थान को बदलने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। देवी मां और संतों के आशीर्वाद से नए राजस्थान का सपना साकार करेंगे।
मुख्यमंत्री शनिवार को यहां रवींद्र ध्यान आश्रम में भारतीय गुरूभक्त मण्डल एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तत्वावधान में आयोजित "संतों का साहित्यिक अवदान" विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रही थीं।
राजे ने कहा कि राजस्थान का नाम यहां की धरोहर से निकलता है। ऎसे में इसे सुदृढ़ करने के लिए विशेष्ा प्रयास किए जाएंगे। संत-महात्मा जब तक साथ नहीं होते, तब तक राज्य आगे नहीं बढ़ सकता।
इस अवसर पर उत्तम स्वामी ने कहा कि जीवन में संत, पंत, मंत्र व ग्रंथ हो तो परमात्मा की कृपा बनी रहती है। संगोष्ठी की अध्यक्षता भाजपा के प्रदेश प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी ने की।
विशिष्ट अतिथि साहित्य परिषद के अध्यक्ष त्रिभुवननाथ शुक्ल, राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर, गुरूभक्त मण्डल के तपन भौमिक थे। संगोष्ठी में 16 प्रांतों के 40 साहित्यकार भाग ले रहे हैं। -
जनता ने हमें पांच साल का समय दिया है। इस अवधि में राजस्थान को बदलने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। देवी मां और संतों के आशीर्वाद से नए राजस्थान का सपना साकार करेंगे।
मुख्यमंत्री शनिवार को यहां रवींद्र ध्यान आश्रम में भारतीय गुरूभक्त मण्डल एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तत्वावधान में आयोजित "संतों का साहित्यिक अवदान" विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रही थीं।
राजे ने कहा कि राजस्थान का नाम यहां की धरोहर से निकलता है। ऎसे में इसे सुदृढ़ करने के लिए विशेष्ा प्रयास किए जाएंगे। संत-महात्मा जब तक साथ नहीं होते, तब तक राज्य आगे नहीं बढ़ सकता।
इस अवसर पर उत्तम स्वामी ने कहा कि जीवन में संत, पंत, मंत्र व ग्रंथ हो तो परमात्मा की कृपा बनी रहती है। संगोष्ठी की अध्यक्षता भाजपा के प्रदेश प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी ने की।
विशिष्ट अतिथि साहित्य परिषद के अध्यक्ष त्रिभुवननाथ शुक्ल, राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर, गुरूभक्त मण्डल के तपन भौमिक थे। संगोष्ठी में 16 प्रांतों के 40 साहित्यकार भाग ले रहे हैं। -
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