पन्ना । प्राचीन एवं भव्य मन्दिरों के लिए प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के पन्ना नगर में अनूठी धार्मिक परम्पराओं के तहत चिलचिलाती धूप में पवित्र तीर्थो के सुगंधित जल से स्नान करने के बाद जगत के नाथ भगवान जगन्नाथ स्वामी लू लगने से बीमार पड गये हैं।
भगवान के ज्वर पीडित होने का यह धार्मिक आयोजन स्नानयात्रा के रूप में पन्ना के श््री जगन्नाथ स्वामी मन्दिर में हजारों श््रद्धालुओं के बीच सम्पन्न हुआ। भगवान के बीमार पडने के साथ ही रथयात्रा महोत्सव का शुभारंभ हो गया है।
सदियों पुरानी इस अनूठी परम्परा के अनुसार ज्येष्ठ शुकल पूर्णिमाको भगवान बलभद्र बहिन सुभद्रा व भगवान श््री जगन्नाथ स्वामी को हजार छिद्र वाले घडे से स्नान कराया जाता है। धूप और तशिप में स्नान करने से भगवान को लू लग जाती है जिससे वे बीमार पड जाते हैं। भगवान के ज्वर पीडित होने का यह धार्मिक आयोजन पन्ना के बडा दीवाला मन्दिर में पूरे भकित भाव के साथ होता है।
मन्दिर के पुजारी पं.राकेश गोस्वामी ने बताया कि भगवान कीविधिवत पूजा अर्चना के उपरान्त उन्हें गर्भ ग्रह से बाहर लाया जाता है। मन्दिर प्रांगण में हजारों श््रद्धालुओं के बीच भगवान को स्नान कराते हैं। धूप में स्नान करने से लू लग जाने के कारण जब भगवान बीमार पड जाते हैं तो उन्हें पुन: गर्भगृह में लाकर सिंहासन पर आसीन किया जाता है तथा गर्म कपडे पहनाये जाते हैं ताकि पसीना आने पर ज्वर उतर सके। लेकिन भगवान का ज्वर जल्दी नहीं उतरता।
उन्होने बताया अषाढ कृष्ण अमावस्या को जगन्नाथ स्वामी स्वस्थ होते हैं फलस्वरूप अगले दिन धूप कपूर की झांकी लगाई जाती है। दोज के दिन भगवान रथ पर सवार होकर निकलते हैं। यह रथयात्रा दो दिन बाद पन्ना से 5 किमी.दूर जनकपुर पहुंचती है। हर वर्ष आयोजित होने वाले इस ऎतिहासिक रथयात्रा महोत्सव में हजाराें की संख्या में श््रद्धालु शामिल होते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें