गुरुवार, 12 जून 2014

गरीबों की सुनेंगे, उनके लिए जिएंगे




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संसद के दोनों सदनों में अपना पहला भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने कहा,‘हमारी सरकार गरीबों की सुनेगी और उनके लिए जिएगी। अगर हम उनके हित में काम नहीं करेंगे तो देश की जनता हमें कभी माफ नहीं करेगी।’

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राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं सदन को विश्वास दिलाता हूं कि राष्ट्रपति ने अपने भाषण में जो कहा, हम उसे पूरा करने की कोशिश करेंगे। जनता से सुशासन के लिए वोट दिया है। हमें जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना है।

गरीब का बच्चा आंसू पीकर नहीं सोएगा: मोदी ने कहा, हमारी सोच है कि गरीब के घर हर शाम चूल्हा जले। कोई बच्चा आंसू पीकर न सोए। शिक्षा गरीबी के खिलाफ लड़ाई का सबसे बड़ा औजार है। हमें इन्हें अंधश्रद्धा और अशिक्षा से बाहर लाना होगा।

सुविधा शहर की, आत्मा गांव की: उन्होंने कहा, सदियों से सुनते आए हैं कि भारत किसानों और गांवों का देश है। लेकिन क्या हम इनकी सूरत बदल पाए हैं। कृषि प्रधान देश में किसानों के जीवन को बदलना अब हमारा सामूहिक दायित्व है। आधुनिक विज्ञान का उपयोग गांव में बैठे बच्चे की शिक्षा के लिए करना होगा। गांवों में रोजगार के मौके बढ़ाने होंगे।

स्कैम इंडिया को स्किल्ड इंडिया में बदलें: मोदी ने कौशल विकास (स्किल डिवलेपमेंट) को देश की प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा, ‘देश की पहचान स्कैम (घोटाले) इंडिया की बन गई है, इसे स्किल्ड इंडिया में बदलना होगा। जिंदगी का गुजारा करने के लिए हाथ में सिर्फ डिग्री नहीं, हुनर होना चाहिए। श्रममेव जयते हमारा मंत्र होना चाहिए।

मोदी का जवाब, रेप की घटनाओं पर नसीहत
- मुलायम सिंह ने पूछा है कि इतने काम कैसे करोगे। हमें कम से कम कोशिश तो करनी चाहिए। परेशानी आई तो उनसे भी सलाह लेंगे।
- नेता रेप की घटनाओं का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण बंद करें। ये हमें शोभा नहीं देता। ऐसा कर हम मां-बहनों की गरिमा का खिलवाड़ करते हैं।

चीन से अपना हिस्सा कब लेंगे। पाकिस्तान से क्या बात हुई। महंगाई कम कब होगी।
-मुलायम सिंह

सदन में मोदी के 5 सूत्र
हम उस ताकत को प्राप्त करेंगे, जो हमें अहंकार से बचाए और नम्रता सिखाए। भले ही हम पर संख्याबल हो।
विकास के लिए देश में ऐसा माहौल बनाएंगे कि हर किसी को लगे कि वह देश के लिए काम कर रहा है।
समय आ गया है कि गांधी जी से प्रेरणा लेकर विकास के लिए एक जनांदोलन खड़ा किया जाए।
भारत की प्रगति में सभी अल्पसंख्यकों को बराबर का भागीदार बनाने के लिए सरकार कृतसंकल्प है।
बापू की 150वीं जयंती पर स्वच्छ हिन्दुस्तान का तोहफा दे सकते हैं। इसमें लोगों की भागीदारी जरूरी है।

बोले प्रधानमंत्री

गांव पर जोर
हमें गांवों के विकास पर जोर देना होगा। क्या हम गांव के अंदर उद्योगों का जाल खड़ा नहीं कर सकते। गांव के जीवन में यदि हम बदलाव ला सके तो किसी को अपना गांव छोड़ने का मन नहीं करेगा।

युवा ताकत पहचानें
भारत दुनिया का सबसे नौजवान देश है। हमें अपने नौजवानों की ताकत को पहचानना होगा। हमारा पड़ोसी देश चीन बूढ़ा होता जा रहा है और हम नौजवान हो रहे हैं।

कौशल की जरूरत
पूरी दुनिया में स्किल्ड (कौशल) लेबर पावर की जरूरत है। सभी देशों का एजेंडा भी कार्यकुशलता पर रहता है। हाथ में सिर्फ डिग्री नहीं हुनर भी होना चाहिए।

घर-बिजली सबको
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका सपना है 2022 तक सबको पक्का घर मिले। ऐसा घर जिसमें पानी का नल, बिजली और शौचालय हो। केंद्र और राज्यों को मिलकर इस पर काम करना होगा।

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