कराची। पाकिस्तानी अधिकारियों ने देश के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की बहन फातिमा जिन्ना की मौत के 47 साल के बाद उन्हें 2,63,774 रूपये का पानी का बिल भेजा है।
`द न्यूज` में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, कराची के जल एवं सीवरेज बोर्ड ने फातिमा जिन्ना के नाम पर बिल भेजा है और उन्हें नोटिस मिलने के 10 दिनों के भीतर रकम का भुगतान करने को कहा गया है।
ऎसा न करने पर पानी और सीवरेज का कनेक्शन काट दिए जाने की चेतावनी दी गई है।
नोटिस में कहा गया है कि भू-राजस्व अधिनियम के मुताबिक बिल न चुकाने पर उनकी संपत्ति को जब्त किया जा सकता है, नीलाम किया जा सकता है और जुर्माना लगाया जा सकता है।
इसके अलावा उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। नोटिस में कहा गया है कि बिल नहीं मिलने का बहाना नहीं माना जाएगा।
नोटिस पर उनका पता आरए 241 कैंट लिखा हुआ है, जो जिन्ना की संपत्ति रही है और इसका इस्तेमाल संग्रहालय के तौर पर किया जा रहा है। यहां पर पाकिस्तानी नेता और उनकी बहन का निजी सामान रखा हुआ है।
जिन्ना ने मार्च 1944 में 1.15 लाख रूपये में फ्लैग स्टाफ हाउस खरीदा था।
सितंबर 1948 में फातिमा उस घर में गईं और 1964 तक उस घर में रहीं। 1965 में चुनाव हारने के बाद उन्होंने वह घर छोड़ दिया। 1967 में उनका निधन हो गया।
कराची के कमिश्नर ने बताया कि उन्होंने कराची जल और सीवरेज बोर्ड के निदेशक को फातिमा जिन्ना के नाम पर भेजे गए नोटिस को वापस लेने का निर्देश दिया है। -
`द न्यूज` में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, कराची के जल एवं सीवरेज बोर्ड ने फातिमा जिन्ना के नाम पर बिल भेजा है और उन्हें नोटिस मिलने के 10 दिनों के भीतर रकम का भुगतान करने को कहा गया है।
ऎसा न करने पर पानी और सीवरेज का कनेक्शन काट दिए जाने की चेतावनी दी गई है।
नोटिस में कहा गया है कि भू-राजस्व अधिनियम के मुताबिक बिल न चुकाने पर उनकी संपत्ति को जब्त किया जा सकता है, नीलाम किया जा सकता है और जुर्माना लगाया जा सकता है।
इसके अलावा उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है। नोटिस में कहा गया है कि बिल नहीं मिलने का बहाना नहीं माना जाएगा।
नोटिस पर उनका पता आरए 241 कैंट लिखा हुआ है, जो जिन्ना की संपत्ति रही है और इसका इस्तेमाल संग्रहालय के तौर पर किया जा रहा है। यहां पर पाकिस्तानी नेता और उनकी बहन का निजी सामान रखा हुआ है।
जिन्ना ने मार्च 1944 में 1.15 लाख रूपये में फ्लैग स्टाफ हाउस खरीदा था।
सितंबर 1948 में फातिमा उस घर में गईं और 1964 तक उस घर में रहीं। 1965 में चुनाव हारने के बाद उन्होंने वह घर छोड़ दिया। 1967 में उनका निधन हो गया।
कराची के कमिश्नर ने बताया कि उन्होंने कराची जल और सीवरेज बोर्ड के निदेशक को फातिमा जिन्ना के नाम पर भेजे गए नोटिस को वापस लेने का निर्देश दिया है। -
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