नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव अब अपने आखिरी पड़ाव पर है लेकिन दो बडे राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग और आरोप-प्रत्यारोप और तेज हो गई है।
"खूनी राजनीति", "नीच राजनीति" के बाद अब "पिछड़ी जाति" पर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर "पिछड़ी जाति" से होने के दावे को गलत बताया है।
कांग्रेस ने कहा है कि मोदी किसी भी पिछड़ी जाति से नहीं आते हैं। न तो उनका जन्म पिछड़ी जाति में हुआ है और ना ही वह पिछड़ी जाति में बडे हुए हैं।
कांग्रेस ने एक बार फिर अपनी बेवसाइट पर मोदी की जाति को लेकर एक पोस्ट किया है, जिसमें मोदी की जाति की सच्चाई बताई गई है।
जरा सोचिए
पार्टी ने जरा सोचिए के नाम से पोस्ट में बताया है कि मोदी ने अपने स्वार्थ के लिए पिछडे वर्ग का हक छीना है। कांग्रेस ने बताया है कि मोदी अगड़ी जाति "मोढ़ घांची" से आते हैं। उन्होंने एक जनवरी 2002 को अपनी जाति को पिछड़ा घोषित कराया था।
राजनीतिक फायदा
कांग्रेस का आरोप है कि मोदी ने ऎसा सिर्फ इसलिए किया है कि उनको चुनाव में राजनीतिक लाभ मिल सके। इसके अलावा उनका कोई मकसद नहीं है। उन्होंने ऎसा करके गुजरात के पिछड़ें वर्ग से जुडे लाखों लोगों को मिलने वाले अवसर को छीन लिया है।
इस पर भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि कांग्रेस को क्या हो गया है? वह मोदी से इतना घबरा गई है?
गुजरात सरकार का जवाब
कांग्रेस के इस आरोप पर गुजरात सरकार ने कहा है कि मोध घांची को 1994 में ओबीसी में शामिल किया गया था। तब गुजरात में कांग्रेस की सरकार थी और मंडल आयोग की सिफारिश पर ही यह फैसला लिया गया था।
गौरतलब है कि अमेठी में प्रियंका गांधी वाड्रा ने "नीच राजनीति" का जिन्न क्या निकाला, मोदी ने उसे तुरंत लपक लिया। उन्होंने अगले ही दिन पूर्वाचल की रैलियों में खुद को पिछड़ी जाति से जोड़कर इस क्षेत्र में जातिवाद के समीकरण में सेंध लगाने का प्रयास किया।
मायावती भी बार-बार मोदी को अपनी जाति बताने को कहती हैं, कारण साफ है वोट बैंक की चिंता उनको भी सता रही है। ऎसे में कांग्रेस ने मोदी की "जाति की सच्चाई" लोगों के सामने रखी है।
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