नई दिल्ली। नए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहले ही दिन "नम्बर वन मजदूर" की तरह जुट गए और राजधर्म के साथ पड़ोस धर्म का जमकर निर्वाह किया। सोमवार शाम शपथ लेने के बाद मोदी का मंगलवार का दिन खासी गहमागहमी वाला रहा। सवेरे मोदी ने देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्व. जवाहर लाल नेहरू को उनकी 50वीं पुण्यतिथि पर ट्वीट कर अपनी श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में सोमवार को हुई रेल दुर्घटना में मारे गए लोगों के आश्रितों के लिए दो-दो लाख रूपए मुआवजे की घोषणा की। सुबह साढे नौ बजे वह अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजाई से मिले। फिर बाकी दक्षिण एशियाई देशों के शासनाध्यक्षों से उन्होंने मुलाकात की।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ उनकी बातचीत तो सबकी निगाहें टिक गई। दोनों प्रधानमंत्रियों ने रिश्तों को सामान्य बनाने और शांति बहाली का संकल्प जताया। शाम पौने पांच बजे के करीब मोदी गुलदस्ता लेकर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मोतीलाल मार्ग स्थित उनके नए आवास पर पहुंच गए। डा. सिंह और उनकी पत्नी गुरशरण कौर ने मोदी का आभार जताया।
इसके बाद मोदी ने पहले दिन ही अपनी कैबिनेट की बैठक की। दो घंटे से अधिक चली इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में विदेशों में जमा कालाधन स्वदेश लाने के लिए विशेष जांच दल एसआईटी गठित करने को मंजूरी दी गई। उच्चतम न्यायालय ने पिछले सप्ताह इस मामले पर सुनवाई करते हुए एसआईटी गठित करने के लिए सरकार को एक सप्ताह का और समय दिया था।
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