लाहौर: 2008 के मुम्बई आतंकवादी हमले के दोषी अजमल कसाब को कथित तौर पर पढाने वाले शिक्षक ने आज पाकिस्तान की एक अदालत को बताया कि जिस अजमल को वह जानते थे वह अभी भी जिंदा है और उसे भारत में फांसी नहीं हुई है.
लाहौर से करीब 120 किलोमीटर दूर पंजाब के ओकारा जिले के देपालपुर तहसील के फरीदकोट स्थित एक प्राथमिकी विद्यालय के शिक्षक ने कहा, ‘‘मैंने अजमल को पढाया था लेकिन उसे नहीं जिसे मुम्बई हमले के संबंध में भारत में फांसी दी गई.’’ सूत्रों ने कहा, ‘‘जिस अजमल कसाब को मैंने पढाया था वह जिंदा है तथा जिसे भारत में फांसी हुई उसका दाखिला इस विद्यालय में नहीं हुआ था.’’ शिक्षक ने इसके साथ ही छात्र का विद्यालय रिकार्ड भी पेश किया.
शिक्षक इस्लामाबाद स्थित आतंकवाद निरोधक अदालत में अभियोजन पक्ष का गवाह था जो कि वर्तमान समय में भारतीय की वित्तीय राजधानी मुम्बई में हुए हमला मामले की सुनवायी कर रही है. इस हमले में 166 लोग मारे गए थे.कसाब के बयान का अंग्रेजी में अनुवाद करने वाले पंजाब की एनएएमएएल विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रमुख भी अदालत में पेश हुए लेकिन अनुवाद प्रस्तुत नहीं कर सके क्योंकि बचाव पक्ष ने यह कहते हुए आपत्ति जतायी कि कसाब के बयान को अभी मामले का हिस्सा बनाना बाकी है. इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवायी 14 मई तक के लिए स्थगित कर दी.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें