नागपुर। मनमोहन कैबिनेट में केन्द्रीय मंत्री रहे और शरद पवार के बेहद करीबी राष्ट्रवादी कांग्रेस नेता पफुल्ल पटेल का भाजपा में जाना लगभग तय हो गया है। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों के हवाले से खबर है कि पटेल को भाजपा में लेने की बातचीत लगभग पूरी हो चुकी है।
चुनाव बाद पटेल भाजपा का दामन थामेंगे। एनसपी नेता पटेल वर्तमान में गोंदिया से सांसद है और इस बार भी राष्ट्रवादी कांग्रेस के टिकट पर गोंदिया से मैदान में है।
चुनाव जीते तो इस्तीफा, हारे तो राज्यसभा जाएंगे
सूत्र बताते है कि पटेल के भाजपा में आने का लगभग तय होने के कारण ही मोदी की प्रस्तावित गौदिया रैली को रद्द कर दिया गया था।
जानकार बताते है कि पटेल यदि गोंदिया ये चुनाव जीतते है तो भी दिल्ली में नई सरकार के गठन के बाद लोकसभा से इस्तीफा दे देंगे और भाजपा के टिकट पर फिर से गोंदिया से चुनाव लडेंगे। यदि वे हार जाते है तो उन्हें भाजपा के कोटे से राज्यसभा भेजने की तैयारी है।
चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे पटेल
पटेल के करीबी नेता की माने तो प्रफुल्ल इस बार गोंदिया से चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे और वे राज्यसभा में जाना चाहते थे, लेकिन पटेल के घुर विरोधी महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शरद पवार के भतीजे अजीत पवार के विरोध के चलते उनका पत्ता कट गया और आखिर में शरद पवार खुद राज्यसभा चले गए।
पटेल के करीबी नेता की माने तो पार्टी में अजीत पवार के बढते वर्चस्व से परेशान प्रफुल्ल के लिए नया राजनैतिक ठिकाना ढूढ़ना राजनैतिक मजबूरी बन गई है।
मुकेश अंबानी ने निभाई भूमिका
विश्वस्त सूत्र बताते है कि पटेल और भाजपा के बीच संपर्क सूत्र की भूमिका प्रफुल्ल के करीबी और नरेंन्द्र मोदी के भी उतने ही करीबी उद्योगपति मुकेश अंबानी ने निभाई है।
खबर यह भी है कि पटेल के पहल पर शरद पवार ने पहले एनडीए का हिस्सा बनने पर सहमति दे दी थी, लेकिन अपने भतीजे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के कड़े विरोध और पार्टी में टूट की संभावना के चलते एनसीपी प्रमुख को अपने कदम वापस खीचने पड़ें थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें