नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को निमंत्रण भेजा गया है। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता ने इसका विरोध किया है।
कहा जा रहा है कि जयललिता मोदी के शपथ ग्रहण में शायद ही शामिल होंगी। भाजपा के सहयोगी एमडीएमके ने भी राजपक्षे को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाने का विरोध किया है। एमडीएमके के संस्थापक वाइको का कहना है कि राजपक्षे की मौजूदगी से तमिल लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचेगी।
वाइको ने कहा कि लिट्टे के खिलाफ कार्रवाई में कोलंबो का समर्थन करने के कारण तमिलनाडु की जनता ने कांग्रेस को बाहर का दरवाजा दिखा दिया। लिट्टे के खिलाफ कार्रवाई के दौरान हजारों तमिल मारे गए हैं। वाइको ने मोदी और भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह से कहा है कि राजपक्षे को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाए।
राजपक्षे को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाने से दुनिया भर के तमिलों की भावनाएं आहत होगी। मोदी ने सार्क देशो के प्रमुखों को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता दिया है। सार्क देशों में अफगानिस्तान,पाकिस्तान,नेपाल भूटान,मालदीव, श्रीलंका आते हैं। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने शपथ ग्रहण समारोह में आने की पुष्टि की है। श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे,बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन भी समारोह में शामिल हो सकते हैं। -
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