अहमदाबाद
नरेंद्र मोदी के पुराने दोस्त और अब राजनीतिक विरोधी कांग्रेस नेता शंकर सिंह वाघेला ने गुजरात विधानसभा में मोदी के आखिरी दिन उन पर खूब तंज कसे। वाघेला ने कहा कि मोदी को अब अयोध्या में राम मंदिर बनवाना है और काला धन वापस लाने के लिए रामदेव के नेतृत्व में एक कमिटी का गठन करना है।
गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता शंकर सिंह वाघेला ने अपने भाषण में मनोनीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि अब तो बीजेपी को पूर्ण बहुमत मिल गया है, इसलिए उन्हें संविधान के दायरे में रहते हुए अयोध्या में राम मंदिर बनवा ही देना चाहिए। हालांकि इस बयान पर कांग्रेस को शर्मिंदगी उठानी पड़ सकती है।
पुराने भाजपाई वाघेला ने कहा, 'जब आडवाणीजी ने रथ यात्रा निकाली थी, तब वोटों के मामले में बीजेपी अपने क्लाइमेक्स पर थी, लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी को एनडीए की वजह से कई समझौते करने पड़े। अब बीजेपी के पास अपना बहुमत है। अगर एनडीए साथ आता है तो बहुत अच्छी बात नहीं। नहीं तो संविधान के दायरे में राम मंदिर बनवाइए।'
वाघेला का यह भाषण नरेंद्र मोदी की विदाई के लिए बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र में हुआ। इस मौके पर वाघेला ने बीजेपी को उसके कई पुराने वादे याद दिलाए। उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड और कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की भी बात की।
बीजेपी से अलग होकर वाघेला ने 1996 में अपनी राष्ट्रीय जनता पार्टी बनाई थी और मुख्यमंत्री भी बने। बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए। व्यंग्यात्मक लहजे में दिए गए भाषण में वाघेला ने विभिन्न विवादित मुद्दों के साथ ही गोधरा मुद्दे का भी जिक्र किया।
गोधरा में 2002 में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन अग्निकांड में कारसेवकों के जलने के बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगे हुए थे। वाघेला ने कहा, 'गोधरा ने दो गुजरातियों की जिंदगी में अहम भूमिका निभाई है और दोनों प्रधानमंत्री बने। 1927 में जब गोधरा में दंगे हुए थे तब मोरारजी देसाई वहां के डेप्युटी कलेक्टर थे। उन पर भी दंगों को संभालने में पक्षपात का आरोप लगा था। उसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और राजनीति में आ गए। वह भी प्रधानमंत्री बने।'
वाघेला ने इसके बाद मोदी की ओर देखते हुए कहा, 'आपने गोधरा और वड़ोदरा में प्रचारक के तौर पर जिंदगी बिताई है। और 2002 में क्या हुआ, उसका जिक्र में नहीं करना चाहता।' वाघेला ने मोदी से कहा कि प्रचार के दौरान आपने बहुत सारे वादे गिए हैं और शपथ लेने के बाद आपको ये वादे पूरे करने हैं।
उन्होंने कहा, 'आपने कहा है कि छह महीने में इन्फ्लेशन को 25 फीसदी तक कम करेंगे। हम एक साल तक आपसे सवाल नहीं पूछेंगे। लेकिन एक साल बाद हम महंगाई पर सवाल पूछेंगे।'
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें