जयपुर. शहर में जल्द ही देश का सबसे ऊंचे शिखर वाला राधा-कृष्ण-बलराम मंदिर जगतपुरा के अक्षय पात्र फाउंडेशन में बनेगा। इसकी ऊंचाई200 फीट और इसमें राजस्थानी और आधुनिक शिल्पकलाओं का अनूठा मेल (फ्यूजन) देखने को मिलेगा। मंदिर सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ज्ञान का केंद्र भी होगा। अक्षय पात्र फाउंडेशन अध्यक्ष आर.गोविंद दास बताते हैं कि हरे कृष्णा मूवमेंट के सहयोग से बन रहे इस मंदिर के प्रवेश द्वार के सामने गरुण स्तंभ रहेगा।
100 फीट से अधिक चौड़ाई की विश्व की सबसे बड़ी कमान छतरियां भी विशेष रहेंगी। यही नहीं नहीं मंदिर में 7000 वर्गफीट का एक सरोवर गोविंद कुंड होगा।
108 कलात्मक मयूरों से सुसज्जित 20 फीट ऊंचे प्रवेश द्वार में 200 फीट ऊंचाई के मंदिर में राधा-कृष्ण-बलराम और गौर-निताई की प्रतिमा रहेगी। जबकि इसी के समीप 170 फीट ऊंचाई के मंदिर में सीता-राम-लक्ष्मण और हनुमानजी का विग्रह रहेगा।
बाहर माधव उद्यान हरियाली बिखेरता नजर आएगा। मंदिर का निर्माण पांच लाख वर्ग फुट के क्षेत्र में होगा, जबकि इसका पूरा परिसर 6 एकड़ में फैला हुआ रहेगा।
1500 वर्गमीटर में मंदिर का प्रांगण होगा। अक्षयपात्र परिसर में मंदिर के अलावा ऑडिटोरियम में अन्य निर्माण 4 चरण में होंगे। पहले में मंदिर निर्माण होगा जो 2016 के मध्य तक पूरा हो जाएगा। बाकी तीन चरण का काम लगभग पांच साल में पूरा होगा।
अन्य विशेषताएं: मंदिर परिसर में 800 अतिथियों की क्षमता वाले 3 हॉल, 500 सीटों वाला एक ऑडिटोरियम, मल्टीमीडिया थिएटर, अन्नदान हॉल, कृष्णा हैरिटेज स्टडी सेंटर, वैदिक बुक काउंटर और श्रीमद भागवत गीता एक्सपो रहेगा। इसके अलावा गौशाला, भक्ति वेदांत पुस्तकालय, हरिनाम मंडप, गेस्टरूम व फूड कोर्ट और मैरिज गार्डन भी रहेगा। एक अन्य भवन में ब्रह्मचारी आश्रम, लेक्चर हॉल और अक्षयपात्र की किचन रहेगी। इस मंदिर में 600 दुपहिया वाहनों के अलावा 450 कारों के लिए पार्किंग भी होगी।
100 फीट से अधिक चौड़ाई की विश्व की सबसे बड़ी कमान छतरियां भी विशेष रहेंगी। यही नहीं नहीं मंदिर में 7000 वर्गफीट का एक सरोवर गोविंद कुंड होगा।
108 कलात्मक मयूरों से सुसज्जित 20 फीट ऊंचे प्रवेश द्वार में 200 फीट ऊंचाई के मंदिर में राधा-कृष्ण-बलराम और गौर-निताई की प्रतिमा रहेगी। जबकि इसी के समीप 170 फीट ऊंचाई के मंदिर में सीता-राम-लक्ष्मण और हनुमानजी का विग्रह रहेगा।
बाहर माधव उद्यान हरियाली बिखेरता नजर आएगा। मंदिर का निर्माण पांच लाख वर्ग फुट के क्षेत्र में होगा, जबकि इसका पूरा परिसर 6 एकड़ में फैला हुआ रहेगा।
1500 वर्गमीटर में मंदिर का प्रांगण होगा। अक्षयपात्र परिसर में मंदिर के अलावा ऑडिटोरियम में अन्य निर्माण 4 चरण में होंगे। पहले में मंदिर निर्माण होगा जो 2016 के मध्य तक पूरा हो जाएगा। बाकी तीन चरण का काम लगभग पांच साल में पूरा होगा।
अन्य विशेषताएं: मंदिर परिसर में 800 अतिथियों की क्षमता वाले 3 हॉल, 500 सीटों वाला एक ऑडिटोरियम, मल्टीमीडिया थिएटर, अन्नदान हॉल, कृष्णा हैरिटेज स्टडी सेंटर, वैदिक बुक काउंटर और श्रीमद भागवत गीता एक्सपो रहेगा। इसके अलावा गौशाला, भक्ति वेदांत पुस्तकालय, हरिनाम मंडप, गेस्टरूम व फूड कोर्ट और मैरिज गार्डन भी रहेगा। एक अन्य भवन में ब्रह्मचारी आश्रम, लेक्चर हॉल और अक्षयपात्र की किचन रहेगी। इस मंदिर में 600 दुपहिया वाहनों के अलावा 450 कारों के लिए पार्किंग भी होगी।
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