दोनों मासूमों समेत महिला के आत्मदाह मामले में पति दोषी, 10 साल की सजा
सुमेरपुर के निकट कानावास गांव में महिला व उसके दोनों बच्चों की जलने से हुई थी मौत
सुमेरपुर सुमेरपुर के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट)के न्यायाधीश झुमरलाल चौहान ने कानावास गांव में दो साल पहले दो मासूम बच्चों के साथ महिला द्वारा आत्मदाह के मामले में फैसला देते हुए मृतका के पति मंशाराम प्रजापत को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उसे दहेज प्रताडऩा व आत्महत्या के लिए उत्पे्ररित करने का दोषी ठहराते हुए 15 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया। अभियोजन के अनुसार 1 अक्टूबर,2012 कानपुरा गांव में मंशाराम प्रजापत का पुत्र गिरीश (5)तथा रवि (3) रात को अपने कमरे में सो रहे थे। खाना खाना के बाद परिवार के लोग सोने की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान शराब के नशे में मंशाराम द्वारा मारपीट करने से परेशान होकर उसकी पत्नी मंजू (35) ने बच्चों के कमरे में गई और दरवाजा बंद कर केरोसिन छिड़क आग लगा ली। परिजनों ने किसी तरह आग बुझाई, लेकिन तब तक मंजू की मौत हो गई, जबकि गंभीर रूप से झुलसे दोनों बच्चों को लोगों की मदद से भगवान महावीर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों को उपचार के दौरान मृत घोषित कर दिया। 2 अक्टूबर को मृतका के भाई शांतिलाल प्रजापत ने अपने बहनोई मंशाराम व उसकी माता भगीदेवी व भगाराम के खिलाफ उसकी बहन व बच्चों की हत्या करने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी पति मंशाराम को पत्नी व बच्चों की मौत के लिए उतरदायी मानते हुए उसे 10 साल का कठोर कारावास व 15 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।
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