बाड़मेर सेल्यूट 108 ई एमटी लीला राम सेजु को"
बाड़मेर हेल्लो बाड़मेर 108एम्बुलेंस फलानी जगह एक्सीडेंट हुआ है इतना सुनते ही बाड़मेर जिला मुख्यालय से 108एम्बुलेंस के ई एमटी लीलाराम सेजु और पायलोट कंवरा राम मोके पर पहुँचते है और गंभीर घायल अवस्था में लोगो को अस्पताल तक पहुंचा कर उनकी जान बचाते है मै भी दो सालो से लगातार देख रहा हु की इन लोगो ने कितने लोगो की जान बचाकर परिवार में खुशिया लोटाई सेल्यूट इस 108 टीम को इनका प्यार और जज्बात को में कभी नहीं भूल पाउँगा! कई ऐसे हादसे हुए जन्हा पर इन लोगो ने अपनी जान दांव पर लगाकर कई लोगो की जान बचाई ! ऐसे व्यक्तियों के ड्युटी के प्रति जूनून देख कर हर कोई सोचने को मजबूर होगा लेकिन फिर भी लोग कई जगह 108 एम्बुलेंस नही पहुँचती है तो लोग उनको कोसते है फिर भी बेचारे बनकर सुन लेते है और दुसरे दिन अख़बार में हेडिंग आती है की 108 एम्बुलेंस के मोके पर नहीं पहुँचने से एक गई जान पर ये कभी नही लिखते की आज इन लोगो ने कितने लोगो की जान बचाई है फिर भी अपनी डयूटी के प्रति वफादार होते है "
बाड़मेर हेल्लो बाड़मेर 108एम्बुलेंस फलानी जगह एक्सीडेंट हुआ है इतना सुनते ही बाड़मेर जिला मुख्यालय से 108एम्बुलेंस के ई एमटी लीलाराम सेजु और पायलोट कंवरा राम मोके पर पहुँचते है और गंभीर घायल अवस्था में लोगो को अस्पताल तक पहुंचा कर उनकी जान बचाते है मै भी दो सालो से लगातार देख रहा हु की इन लोगो ने कितने लोगो की जान बचाकर परिवार में खुशिया लोटाई सेल्यूट इस 108 टीम को इनका प्यार और जज्बात को में कभी नहीं भूल पाउँगा! कई ऐसे हादसे हुए जन्हा पर इन लोगो ने अपनी जान दांव पर लगाकर कई लोगो की जान बचाई ! ऐसे व्यक्तियों के ड्युटी के प्रति जूनून देख कर हर कोई सोचने को मजबूर होगा लेकिन फिर भी लोग कई जगह 108 एम्बुलेंस नही पहुँचती है तो लोग उनको कोसते है फिर भी बेचारे बनकर सुन लेते है और दुसरे दिन अख़बार में हेडिंग आती है की 108 एम्बुलेंस के मोके पर नहीं पहुँचने से एक गई जान पर ये कभी नही लिखते की आज इन लोगो ने कितने लोगो की जान बचाई है फिर भी अपनी डयूटी के प्रति वफादार होते है "
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