जयपुर। बाड़मेर के तेल-गैस कुओं ने वित्त वर्ष 2013-14 के अंत तक राजस्थान के सरकारी खजाने को भर दिया है।
देश की अग्रणी तेल-गैस कंपनी केयर्न इंडिया ने दी गई जानकारी के अनुसार कंपनी ने रॉयल्टी के रूप में खजाने में 24 हजार 299 करोड़ रूपए जमा करवाए हैं।
कंपनी ने घोषणा करते हुए कहा कि इस बार कंपनी का राजस्व रिकॉर्ड 18 हजार 762 करोड़ रूपए का हुआ है। गत वित्त वर्ष में कंपनी ने 7 करोड़ 60 लाख बैरल का रिकॉर्ड उत्पादन किया था, जो घरेलू तेल उत्पादन का लगभग 30 प्रतिशत है।
दो लाख बैरल तेल का प्रतिदिन उत्पादन
केयर्न इंडिया के अंतरिम सीईओ पी. इलांगो ने बताया कि बाड़मेर में कंपनी प्रतिदिन दो लाख बैरल तेल का दोहन कर रही है। इससे देश में हुए तेल आयात में कमी आई है।
कंपनी द्वारा खोदे गए 17 कुओं में से 14 में तेल-गैस की उपस्थिति के संकेत मिले हैं। इसके अलावा उनका यह भी कहना था कि वर्ष 2013-14 की आखिरी तिमाही के दौरान अन्वेषण कुओं की जांच की गई और वित्तीय वर्ष के पहले माह में तीन नए तेल कुओं की खोज की गई है।
देश की अग्रणी तेल-गैस कंपनी केयर्न इंडिया ने दी गई जानकारी के अनुसार कंपनी ने रॉयल्टी के रूप में खजाने में 24 हजार 299 करोड़ रूपए जमा करवाए हैं।
कंपनी ने घोषणा करते हुए कहा कि इस बार कंपनी का राजस्व रिकॉर्ड 18 हजार 762 करोड़ रूपए का हुआ है। गत वित्त वर्ष में कंपनी ने 7 करोड़ 60 लाख बैरल का रिकॉर्ड उत्पादन किया था, जो घरेलू तेल उत्पादन का लगभग 30 प्रतिशत है।
दो लाख बैरल तेल का प्रतिदिन उत्पादन
केयर्न इंडिया के अंतरिम सीईओ पी. इलांगो ने बताया कि बाड़मेर में कंपनी प्रतिदिन दो लाख बैरल तेल का दोहन कर रही है। इससे देश में हुए तेल आयात में कमी आई है।
कंपनी द्वारा खोदे गए 17 कुओं में से 14 में तेल-गैस की उपस्थिति के संकेत मिले हैं। इसके अलावा उनका यह भी कहना था कि वर्ष 2013-14 की आखिरी तिमाही के दौरान अन्वेषण कुओं की जांच की गई और वित्तीय वर्ष के पहले माह में तीन नए तेल कुओं की खोज की गई है।
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