जौनपुर। आमतौर पर बारात दुल्हन के घर जाती है लेकिन यहां एक दुल्हन बारात लेकर ससुराल गई और पति के साथ सात फेरे लेने के बाद बाराती तो वापस चले गए लेकिन वह अपने ससुराल में ही रह गई।
यह वाकया उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के बरसठी क्षेत्र के घनापुर गांव का है। गांव के पूर्व प्रधान महेन्द्र यादव का पुत्र अरूण कुमार यादव बीएससी आईटी की डिग्री प्राप्त कर इलाहाबाद जिले के हंडिया एनआईटी कालेज में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत है। इन्हें पता चला कि जिले के ही मुंगराबाद शाहपुर क्षेत्र के फत्तूपुर कलां गांव के कृपा शंकर यादव की पुत्री निशा यादव बीएससी आईटी की डिग्री प्राप्त की है तो महेन्द्र यादव ने लड़की के पिता से विवाह का प्रस्ताव रखा।
लड़की और उसके पिता ने प्रस्ताव स्वीकार कर शर्त रखी कि बारात लड़का नहीं लड़की लेकर आएगी। बस क्या था दुल्हन के रूप में सजी संवरी निशा गुरूवार को बाजे-गाजे के साथ बारात लेकर अपने पति के घर आई और वहां पर धूमधाम से शादी हुई।
बारातियों का स्वागत लड़की के ससुराल वालों ने किया। लड़के के दादा सुभाष यादव कटवार इण्टर कालेज के अवकाश प्राप्त प्रधानाचार्य हैं। उन्होंने कहा कि "दुल्हन ही दहेज है।" इसी स्लोगन को अपनाते हुए उन्होने अपने पौत्र अरूण कुमार यादव की शादी अपने ही घर पर धूमधाम से की।
यह वाकया उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के बरसठी क्षेत्र के घनापुर गांव का है। गांव के पूर्व प्रधान महेन्द्र यादव का पुत्र अरूण कुमार यादव बीएससी आईटी की डिग्री प्राप्त कर इलाहाबाद जिले के हंडिया एनआईटी कालेज में प्रवक्ता के पद पर कार्यरत है। इन्हें पता चला कि जिले के ही मुंगराबाद शाहपुर क्षेत्र के फत्तूपुर कलां गांव के कृपा शंकर यादव की पुत्री निशा यादव बीएससी आईटी की डिग्री प्राप्त की है तो महेन्द्र यादव ने लड़की के पिता से विवाह का प्रस्ताव रखा।
लड़की और उसके पिता ने प्रस्ताव स्वीकार कर शर्त रखी कि बारात लड़का नहीं लड़की लेकर आएगी। बस क्या था दुल्हन के रूप में सजी संवरी निशा गुरूवार को बाजे-गाजे के साथ बारात लेकर अपने पति के घर आई और वहां पर धूमधाम से शादी हुई।
बारातियों का स्वागत लड़की के ससुराल वालों ने किया। लड़के के दादा सुभाष यादव कटवार इण्टर कालेज के अवकाश प्राप्त प्रधानाचार्य हैं। उन्होंने कहा कि "दुल्हन ही दहेज है।" इसी स्लोगन को अपनाते हुए उन्होने अपने पौत्र अरूण कुमार यादव की शादी अपने ही घर पर धूमधाम से की।
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