मंगलवार, 15 अप्रैल 2014

जसवंत महिमा ...मालाणी मान सम्मान नै राखबा ,कूदियौ जंग जसवन्त मानी




महा मंडियों जंग चवद भारत तणो ,निज जलमभोम जसवंत जुड़िया . कायमी ,कुचरणी कुबदी कपट कर ,मायतां हेत घर बार जड़िया . राज राणी दुहूँ गिंडक भेला हुया ,काट खाणा तरै लार पड़िया। आड़वाणी जिस्या कान आडा किया ,जठै निर्दली जसवंत भिड़िया। डूबग्या समंद री लहर दिखावै तणी ,चूप हो बैठ्ग्या आड़वाणी। बडेरां छोड़ दलबदलुवाँ टिकट दे,बांदरी न्याव करे वसुंधराणी। जठै जसवंत सपूत मुरधर तणो साव खोटी नहीं बात मानी। मालाणी मान सम्मान नै राखबा ,कूदियौ जंग जसवन्त मानी। पांगळी एक पग किण तरै चालसी ,साथ सारा लियां काम सरसी। भाजपा जीत री बात बणसी नहीं जस्सवंत लियां ही पार पड़सी। पाछली पीठ पर वार करियौ जिका ,कायराँ तणा मुख किया काळा। राह रजवाट री रीत नै राखवी ,रंग छै तनै सिरदार वाळा। करम री बात खुद हाथ नूती जकी ,बणी छै वसुधरा राज राणी। बारला हाथ मुरधर गळा ऊपरै ,कर रह्या देस री धुल धाणी। कारगिल जीत में नाम ऊंचौ कियौ ,दुस्मणां देस रा मुडया पाछा . बित्त ,ऱक्षा और मंत्री बिदेसाँ ,जस्सवंत किया सब काम आछा। सभा में बण्या सिरताज सब सांसदां ,थार में रेल नै गया लेबा। मात रै दरसणां लाभ लेबा गया ,मात हिँगलाज रै धोक देबा। धरम री ,जात री ,बात कोनी करी ,कौम छत्तीस री आन राखी। एकता देस री कायमी राखणी ,आवतौ काल आ कहै साखी। मान नै राखबा मोह पद छोङियौ ,घणौ इन बात रौ मोड़ म्हानै। साँच री लीक निर्भीक हो चालिया ,धिनो धिन रंग जसवंत थानै। रजवटी जंग रौ बिगुल जद बाजियौ ,भाईड़ा कई लुक रह्या छाना। कई जा बैठिया रानियाँ गोद में,धिरग रे धिरग रे धिरग ज्यानै . जस्स अपजस और मरण जीवन दुहूँ ,लाभ हानी रहै बिधि हाथै। जीतिया भलां थे हारिया भलां पण ,मोड़ सिरमोड़ जसवंत माथै। राज री आन नै शान नै थरपणों ,मायड़ री मानता प्रश्न बळता। जीत आर हार सूं राज रथ रुकै ना ,सिंघ नह रुकै निज राह चलता। मराठी आपरी मानुषी दिखावै ,हियै में गरब्बे गुज्जराती। मायड़ भाषा एक कूणा पड़ी बापड़ी,सूसकै फटै नह पुत्र छाती। उठावौ आप आवाज मायड़ तणी सकल जण मुरधरा थार सागै। दिरावौ मायड़ नै राज री मानता ,अरज मायड़ करै आप आगै। अकबरी सल्तनत घमंड बहरी बणी ,बजाओ फेर परताप डंका। मुरधरा हाक दिल धड़क्के दिली रौ , उठो रे मुरधरा राणबंका। narayan singh deval

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