मथुरा: बरसाना की विश्वविख्यात लठमार होली का आयोजन इस बार नौ मार्च को किया जाएगा तथा हर वर्ष की तरह होली पूजन की रात फालैन गांव के गोस्वामी समाज का प्रतिनिधि पण्डा दस मीटर ऊँची होली की धधकती लपटों के बीच से होकर निकलेगा.
कहा जाता है कि पिछली कई सदियों से यह नजारा इस गांव में साकार होता रहा है. इस दृश्य को देखकर दर्शक दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाते हैं. अब तो फालैन गांव से तीन किमी की दूरी पर स्थित जटवारी गांव में भी होली के अवसर यह परंपरा निभाई जाने लगी है.
होली का त्यौहार मनाने के पारंपरिक तौर-तरीकों से अलग ब्रज में रंगों का यह अनूठा पर्व पचास दिन तक भिन्न-भिन्न प्रकार से मनाया जाता है. जिसमें कभी कहीं गुलाल के छींटे पड़ते दिखते हैं तो कभी फूलों की होली होती है. और कभी तो होली खेलने का न्यौता देने आए पाण्डे (गोस्वामी समाज के प्रतिनिधि) की आवभगत में उस पर इतने लड्डू बरसाए जाते हैं कि वह कई मन लड्डुओं की मार से अधमरा सा हो जाता है. जबकि राधारानी के भक्तगण पदगायन के साथ उत्साह से उसका स्वागत करने में तल्लीन रहते हैं. इस होली को लड्डू होली कहा जाता है.
बरसाना में होली खेलने पहुंचने वाले नन्दगांव के हुरियारों पर बरसाना की हुरियारिनों (होली खेलने वाली गोस्वामी समाज की वधुएं) की लाठियों की मार पड़ती है तो दूसरे दिन होली खेलने वाले पात्रों का परिवर्तन हो जाता है.
लठमार होली का एक छोटा स्वरूप रंगभरनी एकादशी के अवसर पर श्रीकृष्ण जन्मस्थान के प्रांगण में होने वाले लठामार होली आयोजन व गोकुल की छड़ीमार होली में भी देखने को मिलता है. इसी दिन से वृन्दावन सहित ब्रज के सभी मंदिरों में रंगों की होली शुरू हो जाती है.
जिलाधिकारी विशाल चौहान एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार मीणा ने बताया कि होली के अवसर पर ब्रज में आने वाले पर्यटकों की सुविधार्थ सुरक्षा, संरक्षा, चिकित्सा, साफ-सफाई, यातायात, पेयजल, बिजली, आदि तमाम व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही हैं. अन्य कार्य भी अंतिम चरण में हैं.
इससे पूर्व वसंत पंचमी के दिन मंदिरों में होली का डांढ़ा गाड़े जाने के बाद से ही ठाकुरजी पर छींटा मारे जाने के बाद प्रसाद स्वरूप भक्तों पर गुलाल बरसाया जाने लगता है. फाल्गुन पूर्णिमा के दिन जब देश भर में होली जलाने के बाद दूसरे दिन रंग खेलने की तैयारी हो रही होती है ब्रज के गांवों में पण्डे जलती होली में से निकल कर भक्त प्रहलाद की लीला को साक्षात साकार करके दिखा रहे होते हैं.
ब्रज की होली (यानि फाल्गुन पूर्णिमा) के बाद, होली का एक नया दौर शुरू होता है जो अगले दस-पंद्रह दिनों तक चलता है. होली के इन आयोजनों को ्रहुरंगा नाम दिया गया है. बलदेव, जाब-बठैन आदि गांवों के ्रहुरंगा विशेष रूप से दर्शनीय हैं. इनकी अपनी अलग-अलग पहचान व परंपराएं हैं. बलदेव में बलदाऊ व रेवती मैया के समक्ष हुरंगा खेला जाता है.
जिसमें गांव की वधुएं मंदिर के प्रांगण में छेड़छाड़ करने वाले देवरों को गिराकर उनके कपड़े फाड़ने के बाद उसका पोतना बनाकर उनकी (देवरों) की नंगी पीठ पर बरसाती हैं. जाब-बठैन के हुरंगे दो प्रकार से ब्रज में होने वाले होली के अन्य सभी आयोजनों से अलग होते हैं. क्योंकि अन्य होली परंपराओं से विलग यहां की होली गोस्वामी समाज के बजाए बहुसंख्यक जाट समाज के बीच खेली जाती है.
दूसरी, सभी जगह देवर-भाभी के बीच होने वाली होली की आम परंपराओं से अलग यहां के हुरंगों में वधुएं, जेठों से होली खेलती हैं, वह भी घूंघट की प्रथा का पूरी तरह पालन करते हुए. वे हाथ में लिए दर्पण में अपने जेठ का चेहरा देखती हैं और फिर निशाना लगाकर उनके पैरों पर लाठियां बरसाती हैं. इस प्रकार करीब एक पखवाड़े तक यहां के गांवों में होली के बाद भी हुरंगों के रूप में होली जारी रहती है.कई गांवों में तो चरकुला नृत्य की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं. इसकी भी एक अलग कहानी है.
कहा जाता है कि जब राधारानी की नानी मुखरा देवी ने अपनी धेवती के जन्म का समाचार सुना तो वे खुशी के बारे रथ का पहिया उठाकर नाचने लगी थीं. इस बार राधाकी नगरी में लठामार होली नौ मार्च को होगी. 11 मार्च को रंगभरनी एकादशी पर वृंदावन के ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में व मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर होली का आयोजन होगा. 16 मार्च पूर्णिमा की रात को फालैन में जलती होली से पंडा निकलेगा. 17 मार्च को धूल के दिन समूचे ब्रज के गांव और शहरों में रंग की होली खेली जाएगी. जिला प्रशासन इन दिनों प्रदेश में चल रहे लोकसभा चुनावों के साथ-साथ होली कार्यक्रमों के भी इंतजाम में लगा हुआ है.
जिलाधिकारी विशाल चौहान एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार मीणा ने बताया कि होली के अवसर पर ब्रज में आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा, संरक्षा और सुविधा के साथ साथ उनके लिए चिकित्सा, साफ-सफाई, यातायात, पेयजल, बिजली,आदि की तमाम व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि कानून एवं व्यवस्था संबंधी सभी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराया जाएगा. इस मौके पर बरसाना, नंदगांव, फालैन, बलदेव व वृंदावन आदि सभी शहर-कस्बों में ऐसी सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जिनसे किसी भी अन्य व्यक्ति को आपत्ति हो.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बरसाना व नन्दगांव आदि होली के विशेष आयोजन वाले स्थलों पर पुलिस का भारी बंदोबस्त किया जा रहा है. बरसाना में लठमार होली के दौरान व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीआईजी भी संभवत: वहां मौजूद रहेंगे.
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