गुरुवार, 6 मार्च 2014

सोशल मीडिया पर छाया स्कर्ट पर कोर्ट का फैसला


जयपुर। एक अंग्रेजी अखबार के हवाले से आई इस खबर के मुताबिक महिला स्कर्ट पर विदेशी कोर्ट के एक अजीबोगरीब फैसले ने काफी हंगामा खड़ा कर दिया है। इस फैसले को सुनने के बाद मैसाचुसेट्स में आम जनता खासकर महिलाएं तो काफी सदमे में हैं।
इन दिनों ट्वीटर पर इस फैसले को लेकर काफी बहस भी छिड़ी है।
अपनी तरह के इस पहले फैसले को दिया है मैसाचुसैट्स के हाई कोर्ट ने।
फैसला महिलाओं के स्कर्ट से संबंधित है और इसमें कहा गया है कि छुप कर स्कर्ट पहली हुई महिलाओं की अश्लील फोटो खींचना कानून की नजर में गलत नहीं है।
यहां के इस टॉप कोर्ट का मानना है कि पूरे कपड़े पहने लोगों की फोटो खींचना "पीपिंग टॉम " वॉयुरिज्म की श्रेणी में नहीं आता है। मालूम हो कि स्टेट के कानून के मुताबिक वॉयुरिज्म यहां पर कानूनन प्रतिबंधित है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वॉयुरिज्म एक ऎसी आदत को नाम दिया गया है जिसमें कि कोई व्यक्ति किसी अन्य पुरूष या महिला के प्राइवेट अंग को देखकर सैक्सुअल आनंद प्राप्त करता है।
दूसरे लोगों की यौन क्रियाओं को देखना और इन सब से आनंद उठाना ऎसे व्यक्तियों की रोजमर्रा की आदत में शुमार हो जाता है।
गौरतलब रहे कि बुधवार को लिए गए इस फैसले के बाद एक ऎसे व्यक्ति को आरोप मुक्त कर दिया गया जिस पर मैसाचुसेट्स बे ट्रांसपोर्टेशन ऑथोरिटी की ट्राली पर सवार एक महिला की आपत्तिजनक फोटोज लेना का आरोप लगा था।

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