विदिशा। मध्यप्रदेश के ग्राम बोरिया में सोमवार रात अनूठी शादी हुई। इसमें माता तुलसी का विवाह भगवान शालिगराम से कराया गया। विवाह में शालिगराम को दहेज में सामान के साथ कार भी दी गई। विवाह ग्राम बोरिया निवासी रामकलीबाई मीणा के घर हुआ।
रात में करीबी ग्राम भटखेड़ी के भार्गव परिवार के यहां से जब गाजे-बाजों के साथ शालिगराम की बारात आई, तो ग्रामीण चांैक उठे। बारात में कई कारें शामिल थीं।
बाराती के रूप में भटखेड़ी के कथावाचक पं. ओमप्रकाश भार्गव, विष्णु भार्गव, रघुवीरप्रसाद भार्गव, अनिलप्रसाद भार्गव सहित अन्य ग्रामीण शामिल थे।
बारात में दो डीजे, कई प्रकार के बैंड, नाचने वाले घोड़े शामिल थे। दोनों गांव के अलावा ग्राम पिपरिया, करैया, खेजड़ा, बल्लाखेड़ी आदि गांवों के सैकड़ों ग्रामीण आयोजन में शामिल हुए। सभी नाचते-गाते विवाह स्थल पहुंचे। जहां विवाह की अन्य रस्में अदा की गई।
दहेज में दिया सारा सामान
विवाह के बाद वधु पक्ष ने माता तुलसी को विदा करते हुए दहेज में कार, जेवरात, टीवी, फ्रिज सहित गृहस्थी का पूरा सामान दिया है।
ग्रामीणों ने बताया कि विवाह की रस्मों के तहत पिछले सप्ताह तिलक फलदान भी हुआ था, जिसमें वधु पक्ष की ओर से वर पक्ष के लोगों को 11 हजार रूपए, सोने की अंगूठी और दर्जनों जोड़ी कपडे दिए गए थे।
बारात में शामिल देवेंद्र भार्गव ने बताया कि बोरिया निवासी रामकलीबाई मीणा भगवान कृष्ण की परमभक्त हंै। उन्होंने तुलसी-शालिगराम के विवाह का संकल्प लिया था। इसी के तहत यह विवाह कराया गया।
रात में करीबी ग्राम भटखेड़ी के भार्गव परिवार के यहां से जब गाजे-बाजों के साथ शालिगराम की बारात आई, तो ग्रामीण चांैक उठे। बारात में कई कारें शामिल थीं।
बाराती के रूप में भटखेड़ी के कथावाचक पं. ओमप्रकाश भार्गव, विष्णु भार्गव, रघुवीरप्रसाद भार्गव, अनिलप्रसाद भार्गव सहित अन्य ग्रामीण शामिल थे।
बारात में दो डीजे, कई प्रकार के बैंड, नाचने वाले घोड़े शामिल थे। दोनों गांव के अलावा ग्राम पिपरिया, करैया, खेजड़ा, बल्लाखेड़ी आदि गांवों के सैकड़ों ग्रामीण आयोजन में शामिल हुए। सभी नाचते-गाते विवाह स्थल पहुंचे। जहां विवाह की अन्य रस्में अदा की गई।
दहेज में दिया सारा सामान
विवाह के बाद वधु पक्ष ने माता तुलसी को विदा करते हुए दहेज में कार, जेवरात, टीवी, फ्रिज सहित गृहस्थी का पूरा सामान दिया है।
ग्रामीणों ने बताया कि विवाह की रस्मों के तहत पिछले सप्ताह तिलक फलदान भी हुआ था, जिसमें वधु पक्ष की ओर से वर पक्ष के लोगों को 11 हजार रूपए, सोने की अंगूठी और दर्जनों जोड़ी कपडे दिए गए थे।
बारात में शामिल देवेंद्र भार्गव ने बताया कि बोरिया निवासी रामकलीबाई मीणा भगवान कृष्ण की परमभक्त हंै। उन्होंने तुलसी-शालिगराम के विवाह का संकल्प लिया था। इसी के तहत यह विवाह कराया गया।
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