फुलवारीशरीफ। यह किसी कहानी का प्लॉट नहीं, बल्कि मुंबई की नीलांबरी वैद्या की हकीकत है। औरत त्याग की प्रतिमूर्ति होती है, यह साबित कर गई वह। आठ सालों तक जिससे प्रेम किया उसकी बेवफाई भी बड़ी आसानी से सह लिया, महज अपनी जैसी ही एक लड़की की हाथों में लगी मेहंदी देखकर।
दो दिनों तक फुलवारीशरीफ की मौर्या बिहार कॉलोनी से लेकर थाने तक ड्रामा चलता रहा। आखिरकार आंखों में आंसू लिए नीलांबरी ने अपने प्रेमी पर एक नजर डाली और जाओ अपना घर बसा लो कहकर शादी की रजामंदी दे मुंबई लौट गई। नीलांबरी मुंबई में ऑर्किटेक्ट है। हैदराबाद एयरफोर्स में तैनात स्क्वाट्रन लीडर कुमुद प्रसाद सिंह से आठ वर्षो से प्रेम डगर पर साथ चल रही थी। कुमुद के परिजन दोनों के प्रेम की हकीकत से वाकिफ थे। कुमुद मूल रूप से विशणपुर बेरी, मोहद्दीपुर समस्तीपुर का रहने वाला है। नीलांबरी के मुताबिक वह ऑर्किटेक्ट है, अच्छा कमाती है। कुमुद ने उससे शादी का वादा किया था, लेकिन उसके परिजनों ने उसकी शादी मौर्या बिहार कॉलोनी, पटना में तय कर दी। रविवार को उसकी बरात निकलनी थी। इसकी भनक नीलांबरी को लग गई। उसके दोस्त से भावी ससुराल का पता पूछ हवाई जहाज से वह शनिवार को पटना पहुंच गई। रास्ते से अनजान थी, सो टैक्सी वाले को कुमुद का दोस्त बता लड़की के घर पहुंच गई। अपनी प्रेम कहानी बताई तो लड़की के घर में कोहराम मच गया। शादी की तैयारियां हो चुकी थीं। घर में नाते-रिश्तेदार जमा थे। अब क्या होगा? दुल्हन बन सपने सजाने वाली लड़की का रो-रोकर बुरा हाल था। आनन-फानन में कुमुद और उसके पिता को फोन कर समस्तीपुर से बुलाया गया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें