अमेठी। उत्तर प्रदेश के रायबरेली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) साध्वी डा. प्राची को उम्मीदवार बनाएगी। भाजपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी सोनिया गांधी के खिलाफ एक दमदार महिला उम्मीदवार की तलाश में जुटी थी, जो अब लगभग पूरी हो गई है।
पहले भाजपा ने मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को सोनिया के खिलाफ खड़ा करने पर विमर्श किया था, लेकिन रायबरेली के जातीय समीकरणों को देखते हुए साध्वी प्राची के नाम पर लगभग सहमति बन गई है। उमा भारती को पहले ही झांसी से उम्मीदवार घोषित किया जा चुका था।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, साध्वी प्राची उच्च शिक्षा प्राप्त हैं। उत्तर प्रदेश के बागपत की मूल निवासी साध्वी प्राची का नाम हाल ही में हुए मुजफ्फरनगर दंगों से ठीक पहले हुई महापंचायत में सामने आया था, जहां वह शिखेड़ा गांव में एक संप्रदाय विशेष के युवक की हत्या के बाद एक वर्ग विशेष की महापंचायत में शामिल हुई थीं। इस महापंचायत में कई भाजपा नेता भी शामिल हुए थे।
महापंचायत खत्म होने के बाद वापस जाते लोगों पर दूसरे पक्ष के लोगों ने फायरिंग की थी, जिसमें कई लोग मारे गए थे। साध्वी पर थाना सिखेड़ा में भड़काऊ भाषण देने संबंधी रिपोर्ट भी दर्ज की गई। साध्वी प्राची ने एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की है कि पार्टी के उच्च पदाधिकारियों ने उनसे रायबरेली से चुनाव लड़ने के संबंध में चर्चा की है।
तीन विषयों में स्नातकोत्तर प्राची ने वेदों पर पीएचडी कर रखी है। आर्य समाज से ताल्लुक रखने वाली साध्वी प्राची हरियाणा के करनाल स्थित महिला गुरूकुल कालेज में प्राचार्य भी रह चुकी हंै। गौरतलब है डा. प्राची उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा पर स्थित पुरकाजी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
पहले भाजपा ने मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को सोनिया के खिलाफ खड़ा करने पर विमर्श किया था, लेकिन रायबरेली के जातीय समीकरणों को देखते हुए साध्वी प्राची के नाम पर लगभग सहमति बन गई है। उमा भारती को पहले ही झांसी से उम्मीदवार घोषित किया जा चुका था।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, साध्वी प्राची उच्च शिक्षा प्राप्त हैं। उत्तर प्रदेश के बागपत की मूल निवासी साध्वी प्राची का नाम हाल ही में हुए मुजफ्फरनगर दंगों से ठीक पहले हुई महापंचायत में सामने आया था, जहां वह शिखेड़ा गांव में एक संप्रदाय विशेष के युवक की हत्या के बाद एक वर्ग विशेष की महापंचायत में शामिल हुई थीं। इस महापंचायत में कई भाजपा नेता भी शामिल हुए थे।
महापंचायत खत्म होने के बाद वापस जाते लोगों पर दूसरे पक्ष के लोगों ने फायरिंग की थी, जिसमें कई लोग मारे गए थे। साध्वी पर थाना सिखेड़ा में भड़काऊ भाषण देने संबंधी रिपोर्ट भी दर्ज की गई। साध्वी प्राची ने एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए इस बात की पुष्टि की है कि पार्टी के उच्च पदाधिकारियों ने उनसे रायबरेली से चुनाव लड़ने के संबंध में चर्चा की है।
तीन विषयों में स्नातकोत्तर प्राची ने वेदों पर पीएचडी कर रखी है। आर्य समाज से ताल्लुक रखने वाली साध्वी प्राची हरियाणा के करनाल स्थित महिला गुरूकुल कालेज में प्राचार्य भी रह चुकी हंै। गौरतलब है डा. प्राची उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा पर स्थित पुरकाजी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं, जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
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