रोहतक. अपने प्रेमी के साथ मिलकर परिवार के सात लोगों को गला घोंटकर मौत के घाट उतारने वाली युवती को सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा मुकर्रर की है। कबूलपुर गांव के साढ़े चार साल पुराने इस हत्याकांड में शामिल युवक नवीन को भी अदालत ने सजा-ए-मौत दी। नवीन, सोनम का पड़ोसी था और दोनों के बीच प्रेम संबंध थे।
परिजनों से इस संबंध को बचाने के लिए ही वारदात को अंजाम दिया गया। साजिश में शामिल नवीन के साथी गांव छारा निवासी जसबीर को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 4 मार्च को तीनों दोषी करार दिए गए थे।
गुरुवार सुबह 11 बजे पुलिस सोनम, नवीन और जसबीर को लेकर अदालत पहुंची।
वकील ने कहा, 'रेयरेस्ट ऑफ दि रेयर केस'
पीडि़त पक्ष के वकील ने केस को इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर बताकर फांसी की मांग की। इसके लिए 2001 के रेलूराम पुनिया हत्याकांड और 2010 के उत्तराखंड में सुंदर केस का उदाहरण दिया। दोनों केसों में परिवार के लोगों की सामूहिक हत्या की गई थी। दोनों केसों में फांसी की सजा भी सुनाई गई। वहीं बचाव पक्ष ने जीने का अधिकार की बात करते हुए फांसी नहीं दिए जाने की मांग की।
शाम साढ़े चार बजे दोषियों को दी गई फैसले की कॉपी...
बहस के बाद करीब 12 बजे अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। लंच के बाद 2 बजकर 5 मिनट पर सेशन जज एसके गुप्ता कोर्ट में दाखिल हुए और एक मिनट में ही कुर्सी पर बैठे बिना फैसला सुनाकर चले गए। शाम करीब साढ़े चार बजे तीनों दोषियों को फैसले की कॉपी देकर सुनारिया जेल भेज दिया गया। 14 सितंबर 2009 में सोनम ने पहले परिजनों को खाने में नशीला पदार्थ देकर बेहोश कर दिया। फिर प्रेमी नवीन के साथ मिलकर सभी की गला घोंट कर हत्या कर दी।
परिजनों से इस संबंध को बचाने के लिए ही वारदात को अंजाम दिया गया। साजिश में शामिल नवीन के साथी गांव छारा निवासी जसबीर को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 4 मार्च को तीनों दोषी करार दिए गए थे।
गुरुवार सुबह 11 बजे पुलिस सोनम, नवीन और जसबीर को लेकर अदालत पहुंची।
वकील ने कहा, 'रेयरेस्ट ऑफ दि रेयर केस'
पीडि़त पक्ष के वकील ने केस को इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर बताकर फांसी की मांग की। इसके लिए 2001 के रेलूराम पुनिया हत्याकांड और 2010 के उत्तराखंड में सुंदर केस का उदाहरण दिया। दोनों केसों में परिवार के लोगों की सामूहिक हत्या की गई थी। दोनों केसों में फांसी की सजा भी सुनाई गई। वहीं बचाव पक्ष ने जीने का अधिकार की बात करते हुए फांसी नहीं दिए जाने की मांग की।
शाम साढ़े चार बजे दोषियों को दी गई फैसले की कॉपी...
बहस के बाद करीब 12 बजे अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। लंच के बाद 2 बजकर 5 मिनट पर सेशन जज एसके गुप्ता कोर्ट में दाखिल हुए और एक मिनट में ही कुर्सी पर बैठे बिना फैसला सुनाकर चले गए। शाम करीब साढ़े चार बजे तीनों दोषियों को फैसले की कॉपी देकर सुनारिया जेल भेज दिया गया। 14 सितंबर 2009 में सोनम ने पहले परिजनों को खाने में नशीला पदार्थ देकर बेहोश कर दिया। फिर प्रेमी नवीन के साथ मिलकर सभी की गला घोंट कर हत्या कर दी।
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