रविवार, 2 फ़रवरी 2014

क्रांतिकारियों की दास्तां बयां करती है यह जगह



जीवन की आपाधापी में लोगों को हमेशा ऐसे जगहों की तलाश रहती है जहां उन्हें शहरों के शोर-शराबे की दुनिया से अलग प्राकृतिक वातावरण से रूबरू होने का मौका मिले। जहां वह कुछ समय के लिए अपने आप को मनमोहक प्राकृतिक सौंदर्य से जुड़ा पा सकें। वहां की आसपास की वादियां उसके मन की सारी पीड़ा दूर कर सकें। यदि आप प्राकृतिक सौंदर्य के हर एक पल को अपने दिलों में बसाना चाहते हैं तो आप भारतीय इतिहास में 'काला पानी' के नाम से प्रसिद्घ अंडमान द्वीप को चुन सकते हैं। यहां की लुभावनी हसीन वादियां और तटों से टकराती सागर की लहरें इस द्वीप की जान हैं। प्रकृति ने इस जगह के पहाड़ों, नदियों और जंगलों के सौंदर्य को पूरी तरह से भरा-पूरा बनाया है।

लगभग 300 छोटे-बड़े द्वीपों से मिलकर बना अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है। यह द्वीप बंगाल की खाड़ी के दक्षिण में हिन्द महासागर में स्थित है। यहां की राजधानी पोर्ट ब्लेयर है। 2001 में की गई जनगणना के अनुसार यहां की जनसंख्या 356152 है। पूरे क्षेत्र का कुल भूमि क्षेत्र लगभग 6496 किमी या 2508 वर्ग मील है।

पर्यटन स्थल

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह छुट्टियों का आनंद उठाने के लिए एक बेहतरीन सैरगाह है। यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थानों में से एक सेलुलर जेल है। ब्रिटिश शासकों ने सेल्यूालर जेल की नींव 1897 में रखी थी। इसके अंदर कुल 694 कोठरियां हैं। सेल्यूललर जेल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्त्रांतिकारियों को कैद में रखने के लिए बनाई गई थी। इसका आकार कोठरी जैसा है जिन्हें इस तरह बनाया गया था, ताकि सेनानियों का आपस में मेलमिलाप न हो पाए। ऑक्टोपस की तरह कई शाखाओं का फैलाव लिए इस विशालकाय कारागार के अब केवल तीन अंश बचे हैं।

सेलुलर जेल भारतीय स्वाधीनता सेनानियों पर किए गए अंग्रेजी सरकार के अत्याचारों का मूक गवाह है। इस कारागार की दीवारों पर उन शहीदों के नाम खुदे हुए हैं, जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी थी। अगर जेल के बारे में और अधिक जानकरी लेनी है तो जेल के निकट ही एक संग्रहालय है जो उस समय की दास्तां को बयां करता है।

पोर्ट ब्लेयर

कभी काले पानी की सजा की संज्ञा से पहचाने जाने वाला आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित पोर्ट ब्लेयर अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूहों की राजधानी है। पोर्ट ब्लेयर कोलकाता से 1,255 किलोमीटर तथा चेन्नई से 1,191 किलोमीटर दूर स्थित है। अंडमान में यह जगह सैलानियों के घूमने के लिए प्रमुख जगह है। पर्यटकों की सुविधाओं और उनके मनोरंजन के कई इंतजाम किए गए हैं। यहां जलक्त्रीड़ा की भी व्यवस्था है, जो एक अतिरिक्त आकर्षण का केंद्र है। पोर्ट ब्लेयर से 35 किलोमीटर दक्षिण में स्थित चिरिया टापू अपने मनमोहक समुद्री तटों के लिए प्रसिद्ध है। यहां कोरबिन कोव, माउंट हेरिट, रोस टापू, मधुबन तट तथा काला पत्थर पोर्ट ब्लेयर के समीप स्थित अन्य लोकप्रिय स्थल हैं। पोर्ट ब्लेयर में ही ऐसे कई होटल हैं जहां आप ठहरकर अपनी यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं

और कहां जा सकते हैं

कार्बिन कोव्स बीच, मैरीन अजायबघर, नृशास्त्र संग्रहालय, रॉस आइलैंड, रेडस्किन आइलैंड, लघु अंडमान, काबिन की छोटी खाडी, समुद्र तट हंफ्री आदि यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। इसके अतिरिक्त आप तरणताल, फूड प्लाजा, गांधी पार्क, वाइपर द्वीप, नील द्वीप, रंगत मायाबुंकर और दिगलीपुर आदि दर्शनीय स्थल का भी लुत्फ उठा सकते हैं।

वैसे तो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह अपने बीचेस, डाइविंग, नौकायन, के लिए विश्वभर में विख्यात है। लेकिन अगर आप वहां की चीजों की खरीदारी करना चाहते हैं तो राजधानी पोर्ट ब्लेयर से सबसे अच्छी जगह कोई हो ही नहीं सकती। वहां के अबरदीन बाजार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का मुख्य व्यावसायिक केंद्र माना जाता है। सरकार की स्वीकृति से वहां कॉटेज इंडस्ट्रीज इम्पोरियम और खादी तथा ग्राम उद्योग की कई सारी दुकानें हैं।

कब जाना चाहिए

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का तापमान 23 से 31 डिग्री के बीच रहता है जिसकी वजह से पूरे साल यहां सैलानियों का जमघट देखने को मिलता है लेकिन अकसर सलाह दी जाती है कि आप दक्षिण-पश्चिम मानसून और उत्तर-पूर्व मानसून (नवंबर से दिसंबर) में यात्रा न करें। आपके लिए यात्रा का सही समय अक्टूबर और अप्रैल का महीना रहेगा।

कैसे जाना चाहिए

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर पोर्ट ब्लेयर चेन्नई, विशाखापटनम या कोलकाता से जहाज के जरिए जा सकते हैं। आप समुद्री रास्ते से द्वीप पर पहुंच सकते हैं। चेन्नई से 1200 किमी की हवाई यात्रा में दो घंटे लगते हैं। पानी के जहाज से सफर 50 से 60 घंटे के बीच हो जाता है।

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