उगम सिंह सर्किल से आकाशवाणी तक शाम ढलते ही सिर्फ अँधेरा
बाड़मेर सहर के मुख्य मार्ग उगम सिंह सर्किल से आकाशवाणी तक एक भी रोड लाइट नही है जिससे शाम ढलने के बाद सिर्फ अँधेरा ही दिखता है इस मार्ग से प्रतिदिन हजारो राहगीरो एवं सेकड़ो वाहनो कि आवाजाही होती है लेकिन रात्रि में अँधेरे में सेकड़ो लोगो को दिकत होती है गड्डो से भरी इस रोड पर हर रात कोई न कोई हादसा होता रहता हे रोड कि दूसरी तरफ बबूल कि झाड़िया है जिससे रात्रि में महिलाये इस रोड पर चलने पर खुद को महफूज नही मानती इस कारण कभी वो रास्ता बदल देती है तो कभी टेक्सी का सहारा लेती है स्थानीय वासिंदो ने कई मरतबा अधिकारियो को बताया लेकिन कोई हल नही निकला
रात्रि में निकलने में डर लगता है
रोड रात्रि में सुनसान होता है और दूसरी तरफ बबूल कि झाड़िया है ऊपर से रोड लाइट भी नही है महिलाओ के लिए रात्रि में इस रोड पर निकलना किसी जोखिम से कम नही है
मीना शर्मा
निवासी दानजी कि होदी
अधिकारी सुनते ही नहीं
कई बार संबधित अधिकारियो को रोड लाइट लगाने के लिए लिखित अर्जी दी लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई नगर परिसद को इस रोड पे रोड लाइट लगनी चाहिए
तरुण मुखी
सामाजिक कार्यकर्त्ता
बाड़मेर सहर के मुख्य मार्ग उगम सिंह सर्किल से आकाशवाणी तक एक भी रोड लाइट नही है जिससे शाम ढलने के बाद सिर्फ अँधेरा ही दिखता है इस मार्ग से प्रतिदिन हजारो राहगीरो एवं सेकड़ो वाहनो कि आवाजाही होती है लेकिन रात्रि में अँधेरे में सेकड़ो लोगो को दिकत होती है गड्डो से भरी इस रोड पर हर रात कोई न कोई हादसा होता रहता हे रोड कि दूसरी तरफ बबूल कि झाड़िया है जिससे रात्रि में महिलाये इस रोड पर चलने पर खुद को महफूज नही मानती इस कारण कभी वो रास्ता बदल देती है तो कभी टेक्सी का सहारा लेती है स्थानीय वासिंदो ने कई मरतबा अधिकारियो को बताया लेकिन कोई हल नही निकला
रात्रि में निकलने में डर लगता है
रोड रात्रि में सुनसान होता है और दूसरी तरफ बबूल कि झाड़िया है ऊपर से रोड लाइट भी नही है महिलाओ के लिए रात्रि में इस रोड पर निकलना किसी जोखिम से कम नही है
मीना शर्मा
निवासी दानजी कि होदी
अधिकारी सुनते ही नहीं
कई बार संबधित अधिकारियो को रोड लाइट लगाने के लिए लिखित अर्जी दी लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई नगर परिसद को इस रोड पे रोड लाइट लगनी चाहिए
तरुण मुखी
सामाजिक कार्यकर्त्ता
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