'चुप्पी तोड़ो, महिला हिंसा के खिलाफ बोलो रे बोलो''
जैसलमेर महिलाओं ने ठाना है, अब हिंसा के खिलाफ आवाज उठाना हैेे, चुप्पी तोडो महिला हिंसा के खिलाफ बोलो ने बोलो। उरमूल और एक्षनएड के सयुंक्त तत्वाधान में डाबला गांव में आयोजित ''घरेलु हिंसा के खिलाफ उमड़ते 100 करोड'' के तहत ग्रामिण महिलाओं ने अपनी आवाज मुखर की। कार्यक्रम के दौरान महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र प्रभारी श्रीमति ललिता छंगाणी ने बताया कि यह कार्यक्रम समस्त दक्षिण एषिया में आज 14 फरवरी के दिन आयोजित किया जा रहा है। जिसका उददेष्य समाज को घरेलु हिंसा मुक्त बनाना है। उन्होने कहा कि दुनिया में 3 में से 1 महिला कभी न कभी जिंदगी में हिंसा, बलात्कार का षिकार होती हैं, इसका मतलब दुनियाभर में हिंसा से 100 करोड महिलाएं प्रभावित हुर्इ है।यह कार्यक्रम महिलाओं व लड़कियों के खिलाफ हिंसा का अब तक का सबसे बड़ा यु़द्व है और यह युद्व हमारे घरों, समुदायों में चल रहा है। हमारे अपने नज़दक के लोग, ज्यादा हिंसा करते है। कार्यक्रम के दौरान उरमूल की संकुल संमन्वयक सज्ज्न भाटी ने बताया कि भारत में लिंगानुपात लगातार गिर रहा है व यह गिरावट आर्थिक रूप सम्पन्न व षिक्षित परिवारों व राज्यों में खासतौर से देखने को मिलती है। दुनिया के हर देष में बलात्कार, घरेलू हिंसा व महिला-पुरूष में भेदभाव व्याप्त है।
उरमूल की सकुंल समन्वयक नीतू परिहार ने महिलाओं को सम्बोधित करते हुये इस कार्यक्रम के माध्यम से हम अपने परिवारों व समुदायों में न्याय की मांग करते है। हम स्कुलों, कालेजोंव कार्यालयों में न्याय की मांग ष्करते हैं। हम सड़कों व गलियों में न्याय की मांग करते है।
उरमूल के जिला समन्व्यक पंकज केवलिया ने बताया कि आज 14 फरवरी 2014 को 207 देषों में महिलाऐे ''बस! हिंसा अब और नहीं'' की हुंकार लगायेगी। दक्षिण एषिया के हर हिस्स में ग्रामिण-षहरी महिला पुरूष तथा बच्चे लडकिया हिंसा के खिलाफ इस विष्वव्यापी उत्सव में शामिल होंगी।
कार्यक्रम के दौरान डाबला ग्राम पंचायत की साथिन बबिता देवी, आषा सहयोगनी दाखा देवी, आंगनवाडी कार्यकर्ता कुंता देवी,एएनएम उषा ढाका ने अपने विचार व्यक्त कियें।
उरमूल की सकुंल समन्वयक नीतू परिहार ने महिलाओं को सम्बोधित करते हुये इस कार्यक्रम के माध्यम से हम अपने परिवारों व समुदायों में न्याय की मांग करते है। हम स्कुलों, कालेजोंव कार्यालयों में न्याय की मांग ष्करते हैं। हम सड़कों व गलियों में न्याय की मांग करते है।
उरमूल के जिला समन्व्यक पंकज केवलिया ने बताया कि आज 14 फरवरी 2014 को 207 देषों में महिलाऐे ''बस! हिंसा अब और नहीं'' की हुंकार लगायेगी। दक्षिण एषिया के हर हिस्स में ग्रामिण-षहरी महिला पुरूष तथा बच्चे लडकिया हिंसा के खिलाफ इस विष्वव्यापी उत्सव में शामिल होंगी।
कार्यक्रम के दौरान डाबला ग्राम पंचायत की साथिन बबिता देवी, आषा सहयोगनी दाखा देवी, आंगनवाडी कार्यकर्ता कुंता देवी,एएनएम उषा ढाका ने अपने विचार व्यक्त कियें।
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